दलित अत्याचार पर राजनीति नहीं होनी चाहिए : आठवले

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लखनऊ 3 अक्टूबर (आईएएनएस)। केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास आठवले ने प्रदेश के हाथरस कांड को बहुत भयंकर बताया है। कहा कि दलित अत्याचार पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।

शनिवार को लखनऊ में पत्रकारों से बातचीत में रामदास आठवले ने कहा कि, “हाथरस की घटना बेहद गंभीर है। इसमें उत्तर प्रदेश सरकार जांच करा रही है। इस घटना में सरकार को पीड़ित परिवार की बजाए विपक्षी दलों का नाकरे टेस्ट कराना चाहिए। कहा कि दलित अत्याचार पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।”


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के पहले कहा कि, “राज्य की तरफ से इस मामले में सीबीआई की जांच की संस्तुति तभी की जाए, जब एसआईटी में सारी चीजें स्पष्ट न हों। इस दौरान अठावले ने मायावती पर हमला बोलते हुए कहा कि मायावती इस मुद्दे पर बेहद घटिया राजनीति कर रही हैं। उन्हें आदित्यनाथ से इस्तीफे की मांग करने का कोई अधिकार नहीं है।”

रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामदास आठवले ने हाथरस डीएम के सस्पेंड न किए जाने पर भी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा, अगले सप्ताह मैं लड़की के परिवार से मिलने वाला हूं। उन्होंने कहा इस मामले में दोषी सभी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई हुई। पीड़ित परिवार का नाकरे टेस्ट न कराए जाने को लेकर मुख्यमंत्री से बात करूंगा।

केंद्रीय मंत्री आठवले ने राज्यपाल से मुलाकात के बाद योजना भवन में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि, “यह कहना गलत है कि सिर्फ योगी आदित्यनाथ की सरकार में ही दलितों पर अत्याचार हो रहे हैं। सबकी सरकार में दलित अत्याचार हुए हैं। इससे पहले उत्तर प्रदेश में मायावती, अखिलेश यादव और मुलायम सिंह की सरकार में भी अत्याचार होते थे।”


आठवले ने कहा कि, जब तक हमारे समाज में जातिवाद है, तब तक दलितों के साथ अत्याचार होता रहेगा। उन्होंने कहा कि अंतर्जातीय विवाह से समाज में बदलाव आएगा। केंद्रीय मंत्री ने हाथरस के इस कांड में जिलाधिकारी प्रवीण कुमार की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि किसी की भी बालिका या किसी का भी जबरन अंतिम संस्कार गलत है। यह बेहद गंभीर बात है। उन्होंने जिलाधिकारी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस मामले में चारों आरोपितों को फांसी होनी चाहिए।

आठवले ने हाथरस की घटना को लेकर राहुल गांधी पर निशाना साधा। “राहुल गांधी हाथरस के लिए आए, लेकिन राजस्थान नहीं गए। राजस्थान में उनकी सरकार है। राहुल को अगर पुलिस ने रोका था, तो रुकना चाहिए। उन्होंने पुलिस से धक्का-मुक्की की, जिससे वह गिरे, उन्हें पुलिस ने नहीं गिराया।”

–आईएएनएस

विकेटी/एएनएम

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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