एनबीएफसी का संकट थमा, मगर अभी दूर नहीं हुआ : वित्तमंत्री

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नई दिल्ली, 6 जुलाई (आईएएनएस)| वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) सेक्टर का संकट थम गया है लेकिन अभी यह समाप्त नहीं हुआ है और उनका मंत्रालय उभरते हुए हालात पर निगरानी रखेगा।

वित्तमंत्री ने एक दिन पहले आम बजट में एनबीएफसी के कर्ज प्रदान करने संबंधी मसलों के समाधान को लेकर कई उपायों की घोषणा की।


बजट के बाद की बातचीत में उन्होंने कहा, “एनबीएफसी के संबंध में समीक्षा व राय मिल रही है। हालांकि यह तरलता, संचालन, दिवाला, जैसे अनेक अलग-अलग कारकों से प्रभावित है, लेकिन यह जिन चुनौतियों से जूझ रही है उन पर सिर्फ विराम लग सकती है। समस्या अभी समाप्त नहीं हुई है, मगर यह थम जरूर गई है। हालात सबसे खराब स्तर पर पहुंच चुके हैं।”

सीतारमण ने कहा कि एनबीएफसी के संकट में कुछ समय बाद सुधार हो सकता है और इसकी प्रक्रिया जारी है।

उन्होंने कहा, “अगर कुछ हुआ तो अब इसमें सुधार हो सकता है या कुछ समय के लिए यह थम सकता है और उसके बाद इसमें सुधार आ सकता है। इसलिए मुझे जो तस्वीर दी गई है उसमें स्थिति सबसे खराब स्तर पर पहुंच चुकी है।”


उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भारतीय रिजर्व बैंक के साथ-साथ वित्त मंत्रालय उभरते हुए हालात पर निगरानी रखेगा और बजट में एनबीएफसी के मसलों का समुचित ढंग से समाधान किया गया है।

उन्होंने कहा, “हमने बजट में व्यापक समाधान प्रस्तुत किया है। मुझे लगता है कि एनबीएफसी के मसलों का समाधान किया गया है।”

वित्तमंत्री ने कहा, “मैं यह नहीं कह सकती हूं कि यह (एनबीएफसी का संकट) समाप्त हो गया है। मैं यह नहीं कह सकती हूं कि समस्या समाप्त हो गई। हम अभी तक सतर्कतापूर्वक इस पर नजर रखे हुए हैं।”

आम बजट 2019-20 में एनबीएफसी के लिए नकदी का मार्ग खोलते हुए सरकार ने घोषणा की है कि वह एनबीएफसी की उच्च गुणवत्ता वाली परिसंपत्ति की आंशिक गारंटी प्रदान करेगी।

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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