गिले-शिकवे भूला कर कार्यकर्ता चुनावी तैयारी में लग जाएं : मायावती

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लखनऊ, 15 जनवरी (आईएएनएस)| बहुजन समाज पार्टी(बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने बुधवार को अपना 63वां जन्मदिवस जन-कल्याणकारी दिवस के रूप में मनाया। इस मौके पर मायावती ने बीते वर्ष भर की पार्टी की गतिविधियों पर लिखी गई किताब ‘ब्लू बुक-मेरे संघर्षमय जीवन एवं बीएसपी मूवमेंट का सफरनामा’ का पारंपरिक तरीके से विमोचन किया। ब्लू बुक का यह 14वां संस्करण है। यह किताब हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी मायावती को बधाई देने उनके आवास पर पहुंचे। इस मौके पर उन्होंने पत्रकारों से कहा कि बसपा और सपा कार्यकर्ताओं से यही अपील है कि वह आपसी गिले-शिकवे दूर कर चुनाव की तैयारी में जुट जाएं और मुझे जीत का तोहफा दें।

मायावती ने इस मौके पर कांग्रेस पर भी निशाना साधा और कहा, “जिन राज्यों में कांग्रेस ने कर्जमाफी के वादे किए थे, वहां से अब शिकायतें आने लगी हैं। एक बार देश के सारे किसानों का पूरा कर्ज माफ किया जाना चाहिए और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को पूरी ईमानदारी और प्रतिबद्धता से लागू किया जाना चाहिए, तभी किसानों की समस्याओं का स्थायी समाधान निकलेगा, वरना किसान आत्महत्या करते रहेंगे।”


उन्होंने कहा, “सिर्फ दो लाख रुपये तक का कर्ज माफ करने से किसानों को कोई फायदा मिलने वाला नहीं है। किसान 70 प्रतिशत कर्ज साहूकारों से लेते हैं। इस कर्ज को माफ करने की कोई नीति नहीं है।”

उन्होंने कहा, “केंद्र की सरकार ने गरीब सवर्णो को 10 फीसदी आरक्षण दिया है। हम इसका स्वागत करते हैं। देश के गरीब मुसलमानों को भी आरक्षण दिए जाने की जरूरत है।”

मायावती ने कहा कि राफेल का मामला देखने के बाद जरूरी है कि रक्षा सौदों के लिए सभी दल दीर्घकालिक नीति तैयार करें, ताकि राफेल और बोफोर्स जैसे मामले न हों।


उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, “अब उनकी वादा खिलाफी चुनावी मुद्दा बन रहा है। कालाधन वापस लाना, 15-15 लाख रुपये लोगों को उनके खाते में दे देना। ऐसे वादे किए ही क्यों जाते हैं, जो पूरे नहीं हो सकते।”

मायावती ने कहा, “मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ व राजस्थान में लोगों ने तो भाजपा को सबक सिखाया है। अब बारी उत्तर प्रदेश की है। समाजवादी पार्टी के लोगों से अपील है कि पुराने गिले-शिकवे भूलने के साथ ही विरोधी पार्टियों के हथकंडों से सचेत होकर गठबंधन उम्मीदवारों को जिताएं। उत्तर प्रदेश ही देश की राजनीति की दिशा व दशा तय करता है। यहीं से प्रधानमंत्री भी तय होता है।”

उन्होंने कहा कि नोटबंदी व जीएसटी ने देश की अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी है। भाजपा की आर्थिक नीतियां सिर्फ कुछ धन्नासेठों को फायदा पहुंचा रही हैं, जिससे देश की जनता में आक्रोश है।

उन्होंने कहा, “भाजपा के लोग अब आए दिन भगवानों की जाति बता रहे हैं। मुसलमानों को नमाज पढ़ने से रोक दिया है, जो भाजपा की गलत नीतियों को ही दर्शाता है।”

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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