गोवा सरकार मांस के लिए देगी बकरियों के प्रजनन को बढ़ावा

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पणजी, 18 फरवरी (आईएएनएस)| भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली संयुक्त गठबंधन की गोवा सरकार तटीय राज्य में बकरी के मांस या मटन के लिए बकरियों के प्रजनन को बढ़ावा देना चाहती है, क्योंकि इसके साथ कोई धार्मिक वर्जना भी नहीं जुड़ी है।

राज्य के पशुपालन और पशु-कल्याण विभाग द्वारा समर्थित यह योजना ऐसे समय आई है, जब हाल के सालों में यहां गोमांस की कीमतें दोगुनी हो गई है।


दक्षिण-पंथी गो रक्षकों के समूहों द्वारा व्यापारियों की प्रताड़ना के साथ ही फॉर्मलिन की मिलावट के डर से मछली की बिक्री में आई कमी के कारण लाल मांस की आपूर्ति पर असर पड़ा है। फॉर्मलिन का प्रयोग मछली को सड़ने से बचाने के लिए किया जाता है।

विभाग ने एक राजपत्र में कहा, “मटन सामान्यत: हर तबके में स्वीकार्य है। यह स्वादिष्ट होता है तथा इसकी मांग काफी अधिक है और इसके साथ कोई धार्मिक वर्जना भी नहीं जु़ड़ी है।”

इसमें यह भी कहा गया कि बकरियों का प्रजनन काफी अधिक होता है, इसके दूध के औषधीय गुण होते हैं और बकरी पालन इकाई लगाने के लिए कम निवेश की जरूरत होती है।


राजपत्र के मुताबिक, ग्रामीण अर्थव्यवस्था में राष्ट्रीय स्तर पर बकरियों की महत्वपूर्ण भूमिका है और यह योजना राज्य को मांस उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ बेरोजगार युवाओं और महिलाओं को सहायक व्यवसाय उपलब्ध कराने का एक प्रयास है।

पिछले कुछ वर्षो में, उपभोक्ताओं ने तटीय राज्य में गोमांस की कमी की शिकायत की है, जहां गोवा की लगभग 15 लाख की आबादी में बीफ खाने वाले एक तिहाई लोग (5 लाख) अल्पसंख्यक हैं।

पिछले साल, बीफ व्यापारी गोरक्षा समूहों द्वारा उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए हड़ताल पर चले गए थे।

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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