बीते गुरुवार को गूगल (Google) ने जानकारी दी है कि उसने भारत में अपने प्ले स्टोर (PlayStore) से सैकड़ों ऐसे पर्सनल लोन ऐप्स को हटा दिया है। कंपनी का कहना है कि यह नियमों का उल्लंघन करके डिजिटल लोन दे रहे थे। गूगल इन ऐप्स को आम लोगों और सरकारी एजेंसियों की ओर से सबमिट किए गए फ्लैग्स के आधार पर रिव्यू कर रहा है।
फिलहाल Google ने PlayStore से हटाए गए ऐप्स की संख्या की जानकारी नहीं दी है। लेकिन फिनटेक एक्सपर्ट श्रीकांत एल का कहना है कि गूगल ने पिछले 10 दिनों में कम से कम 118 डिजिटल लोन ऐप हटा दिए हैं।
अपने ब्लॉग में गूगल (Google) ने लिखा है कि, हमने अपने डेवलपर्स से नियमों का उल्लंघन करने वाले डिजिटल लोन ऐप के बारे में जानकारी हासिल की है। इसके साथ ही गूगल ऐसे ऐप्स की पहचान कर रहा है, जो लोकल लॉ और रेग्यूलेशन का उल्लंघन करके फ्रॉड डिजिटिल लेंडिंग करते हैं। ऐसा करने वाले ऐप्स के खिलाफ बिना नोटिस जारी किए कार्रवाई की जाएगी।
गूगल की नई पॉलिसी के तहत पर्सनल लोन देने वाले ऐप के लिए भुगतान की न्यूनतम व अधिकतम समयसीमा और अधिकतम ब्याज दर के बारे में यूजर को स्पष्ट जानकारी देना जरूरी है। जानकारी के अनुसार यह एक्शन इसलिए लिया जा रहा है क्योंकि पिछले कुछ महीनों से देश के कई हिस्सों से मोबाइल ऐप से लोन देने के कई फर्जीवाड़ों की सूचनाएं मिल रही हैं।
ये ऐप पहले तो आसानी से 5000 से 50000 रुपये तक कर्ज दे देते हैं, और फिर इस पर 60 से 100 फीसद तक का ब्याज लेते हैं। साथ ही ये भी शिकायत आ रही है कि कर्ज नहीं चुकाने वाले लोगों के साथ वसूली के नाम पर गलत तरीके से व्यवहार करते हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लोन ऐप के जरिये उत्पीड़न की घटनाओं के बीच एक वर्किंग ग्रुप का गठन किया है। वर्किंग ग्रुप से ऐसा कहा गया है कि वे अनरेगुलेटेड लैंडिंग ऐप से कंज्यूमर को होने वाले खतरों की पहचान करें। बता दें कि आरबीआई ने हाल ही में जल्दी लोन अप्रूव करने और ऊंजी दरों पर लोन देने वाले ऑनलाइन ऐप से लोगों को आगाह किया था।