हेलीकॉप्टर ने तपोवन सुरंग की जीओ-मैपिंग की, बचावकर्ता सर्वाइवर की तलाश में

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देहरादून, 10 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तराखंड के चमोली जिले में धौलीगंगा नदी पर तपोवन विष्णुगढ़ परियोजना की अवरुद्ध सुरंग में बचे लोगों की तलाश के लिए बचाव दल जी-जान से लगे हैं। वहीं एक एक रिमोट सेंसिंग इक्विपमेंट से लैस हेलीकॉप्टर ने अधिकारियों के बचाव अभियान में मदद करने के लिए सुरंग की संरचना की बार-बार मैपिंग की है।

मंगलवार से ही बचाव कार्य जोरों पर है, क्योंकि हेलिकॉप्टर ने कठिन पहाड़ी इलाकों के आपदाग्रस्त सुरंग की तस्वीरें लीं हैं, जिससे बचावकर्ता को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।


राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की डीआईजी रिद्धिम अग्रवाल ने कहा, हम आपदा प्रभावित सुरंग की भौगोलिक मैपिंग कर रहे हैं, जिससे हमें खोज और बचाव अभियान में मदद मिलेगी।

एसडीआरएफ के अधिकारियों ने रविवार को बाढ़ की वजह से घटनास्थल पर पहुंचे मलबे और कीचड़ को साफ किया था।

अग्रवाल ने कहा, इसके अलावा अगर जरूरत पड़ी तो थर्मल और लेजर स्कैनिंग का भी इस्तेमाल किया जाएगा।


डीजीपी अशोक कुमार ने कहा, हम ड्रोन और हेलीकॉप्टरों का उपयोग त्वरित निर्णय लेने के लिए कर रहे हैं।

डीजीपी ने आश्वासन दिया, हम अंदर फंसे लोगों की जान बचाने के लिए सभी संभावनाओं का पता लगाएंगे।

सुरंग के डिजाइन को समझने के लिए बचाव दल ने एनटीपीसी के अधिकारियों से भी सलाह ली।

पनबिजली परियोजना की सुरंग के भीतर भारी गाद की उपस्थिति के कारण बचाव कार्य मंगलवार को धीमा हो गया था।

बचाव दल एनटीपीसी 520-एमएम तपोवन विष्णुगढ़ परियोजना की सुरंग के अंदर फंसे 25-35 लोगों को बचाने के लिए मेहनत कर रहे हैं। फंसे हुए लोगों से अब तक कोई संपर्क नहीं हो पाया है।

लगातार दो दिनों तक खुदाई करने के बाद, सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवानों ने बुधवार सुबह तक सुरंग का एक बड़ा हिस्सा साफ कर दिया। हालांकि, शीर्ष सरकारी अधिकारियों ने स्वीकार किया कि सुरंग के अंदर भारी मात्रा में गाद की मौजूदगी से बचाव कार्य में बाधा आ रही है।

राज्य सरकार ने पहले कहा था कि रविवार की आपदा के बाद लगभग 200 व्यक्ति लापता हो गए हैं और अब तक 32 शव बरामद किए जा चुके हैं।

–आईएएनएस

आरएचए/एसकेपी

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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