Lunar Eclipse 2019: साल का पहला चंद्रग्रहण शुरू, बरतें ये सावधानियां

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Second partial lunar eclipse of 2020 year today

21 जनवरी को साल 2019 का पहला चंद्रग्रहण (Lunar Eclipse) लग रहा है। इस बार चंद्रमा की राशि कर्क में यह ग्रहण का योग बन रहा है। कर्क जलीय राशि है जिसके चलते जल तत्व में हलचल रहेगी। सोमवार को पड़ने वाला ग्रहण मध्य प्रशांत महासागर, उत्तरी/दक्षिणी अमेरिका, यूरोप और अफ्रीका में दिखाई देगा, जबकि भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा। वैज्ञानिकों ने इसे सुपर ब्लड मून (Super Blood Wolf Moon) का नाम दिया है। चंद्र ग्रहण के समाप्त होने के बाद चावल, आटे और गर्म कपड़ों का भी दान कर सकते हैं।

चंद्रग्रहण कब होता है

कहा जाता है कि जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य जब एक ही लाइन में आ जाते हैं और जब चांद पर पृथ्वी की परछाईं पड़ती है तब चंद्रग्रहण होता है।


क्या है ‘सुपर ब्लड मून’?

पूर्ण चंद्र ग्रहण को सुपर ब्लड मून कहा जाता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, पूर्ण चंद्र ग्रहण में चंद्रमा आम दिनों के मुकाबले 14 फीसद बड़ा और 30 फीसद से ज्यादा चमकीला दिखाई देता है। इस दौरान चांद का रंग लाल हो जाता है, जिस कारण इसे सुपर ब्लड मून कहा जाता है। इस दौरान सूर्य की रोशनी पृथ्वी से होकर चंद्रमा पर पड़ती है, इसी छाए से चांद का रंग भी ग्रहण के दौरान बदल जाता है। पश्चिमी देशों में इस चंद्र ग्रहण का एक और नाम ‘सुपर ब्लड वुल्फ मून’ भी है।

ग्रहण के दौरान बरतें ये सावधानियां

ग्रहण के वक्त गर्भवती महिलाएं, बुजुर्ग, रोगी और बच्चों को बाहर नहीं निकलना चाहिए। ग्रहण का सूतक ग्रहण शुरू होने से करीब 9 घंटे पहले ही शुरू हो जाता है। ग्रहण से पहले या बाद में ही खाना खाएं। इसके साथ जिस दिन ग्रहण हो उस दिन किसी शुभ काम की शुरुआत न करें।
सुई और नुकीली चीजों का उपयोग भी नहीं करना चाहिए। अपने कक्ष तुलसी और नीम के पत्ते रखना चाहिए।

चंद्रग्रहण का समय

पूर्ण चंद्र ग्रहण 21 जनवरी को भारतीय समयानुसार चंद्रग्रहण सुबह 10.11 बजे से शुरू हुआ और 11.12 बजे तक रहेगा। वहीं ग्रहण से पहले सूतक काल 12 घंटे पहले ही शुरू हो जाता है। इस लिहाज़ से सूतक 20 जनवरी की रात 9 बजे से ही शुरु हो गया।



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