जम्मू-कश्मीर के लांस नायक नज़ीर अहमद वानी (Nazir Ahmad Wani) को मरणोपरांत अशोक चक्र (Ashok chakra) प्रदान किया जाएगा। लांस नायक नज़ीर अहमद कश्मीर के शोपियां में पिछले साल नवंबर में आतंकवाद रोधी अभियान के दौरान शहीद हो गए थे। बता दें कि अशोक चक्र (Ashok chakra) शांति काल के दौरान प्रदान किया जाने वाला भारत का सर्वोच्च वीरता सम्मान है। सेना के अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि 38 वर्षीय वानी कुलगाम तहसील के अश्मूजी गांव के रहने वाले थे। वह 25 नवंबर को भीषण मुठभेड़ के दौरान शहीद हो गए थे।
गौरतलब है कि नज़ीर एक समय खुद आतंकवादी हुआ करते थे, लेकिन बाद में अपनी गलती का एहसास हुआ तो आतंक का रास्ता एकदम से छोड़कर मुख्यधारा में लौट आए थे। वह 2004 में भारतीय सेना में शामिल हुए थे। बीते साल 23 नवंबर 2018 को जब वानी 34 राष्ट्रीय रायफल्स के साथियों के साथ ड्यूटी पर थे, तब इंटेलिजेंस से शोपियां के बटागुंड गांव में हिज्बुल और लश्कर के 6 आतंकी होने की खबर मिली। इनपुट थे कि आतंकियों के पास भारी तादाद में हथियार हैं। वानी और उनकी टीम को आतंकियों के भागने का रास्ता रोकने की ज़िम्मेदारी सौंपी गई।
A serving #IndianArmy officer consoling father of Lance Naik Nazir Ahmad of 34 Rashtriya Rifles, who lost his life fighting terrorists in #Shopian in Kulgam district of J&K. #IndianArmy #SalutingtheBraveheart #Braveheart @PIB_India @SpokespersonMoD pic.twitter.com/k2Yklmf1Ev
— ADG PI – INDIAN ARMY (@adgpi) November 28, 2018
राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी प्रेस रिलीज़ बताती है, ‘लांस नायक वानी ने दो आतंकियों को मारने और अपने घायल साथी को बचाते हुए सबसे बड़ा बलिदान दिया। खतरा देखते हुए आतंकियों ने तेज गोलीबारी शुरू कर दी और ग्रेनेड भी फेंकने लगे। ऐसे अकुलाहट भरे वक्त में वानी ने एक आतंकी को करीब से गोली मारकर खत्म कर दिया।’
23 नवंबर 2018 के इस एनकाउंटर में वानी और उनके साथियों ने कुल 6 आतंकियों को मार गिराया था। इनमें से दो को वानी ने खुद मारा था। एनकाउंटर में वह बुरी तरह ज़ख्मी हो गए थे और हॉस्पिटल में इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया था। 26 नवंबर को अंतिम संस्कार से पहले वानी को उनके गांव में 21 तोपों की सलामी दी गई थी। वह अपने पीछे पत्नी और दो बच्चे छोड़ गए।
वानी को मरणोपरांत अशोक चक्र से नवाज़ा जा रहा है, जो भारत का शांति के समय में दिया जाने वाला सर्वोच्च वीरता पुरस्कार है। अशोक चक्र के बाद कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र का नंबर आता है। वानी की बहादुरी का अंदाज़ा आप इससे भी लगा सकते हैं कि वह दो बार सेना मेडल भी जीत चुके हैं। वानी के अलावा इस साल चार अफसरों-सैनिकों को कीर्ति चक्र और 12 को शौर्य चक्र से नवाज़ा जाएगा।
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