IPL में पहली बार कोई बल्लेबाज हुआ ‘मांकडिंग’ का शिकार, जानें कैसे पड़ा ये नाम?

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IPL में पहली बार कोई बल्लेबाज हुआ 'मांकडिंग' का शिकार, जानें कैसे पड़ा ये नाम?

इंडियन प्रीमियर लीग के 12वें सीजन को शुरु हुए तीन दिन ही हुए हैं। मगर टूर्नामेंट के चौथे मुकाबले में ही एक नया विवाद खड़ा हो गया। सोमवार को जयपुर के सवाईमान सिंह स्टेडियम में राजस्थान राॅयल्स और किंग्स इलेवन पंजाब की टीमें आमने-सामने थीं। वैसे तो यह मैच पंजाब ने 14 रनों से जीता, लेकिन लक्ष्य का पीछा करने उतरी राजस्थान रॉयल्स के तूफानी बल्लेबाज जोस बटलर का रन आउट काफी विवादित रहा।

ये घटना तब घटी जब बटलर 69 रन पर बैटिंग कर रहे थे और अपनी टीम को एक आसान जीत की ओर ले जा रहे थे। उन्हें पंजाब के गेंदबाज आर अश्विन ने ‘मांकडिंग’ या ‘मांकड़ रन आउट’ कर दिया। दरअसल, अश्विन के गेंद फेंकने से पहले ही नाॅन स्ट्राइकर एंड पर खड़े बटलर क्रीज से बाहर निकल आए और अश्विन ने गिल्लियां बिखेड़ दी।


विवादित रन आउट पर तीखी बहस

अश्विन द्वारा बटलर को रन आउट करने के बाद काफी विवाद हुआ। बटलर ने अश्विन से मैदान में तीखी बहस की। बाद में ऑन फील्ड अंपायर ने थर्ड अंपायर का सहारा लिया और रिप्ले में बटलर को क्रीज से बाहर पाया गया जिसके चलते उन्हें आउट दिया गया। बटलर ऐसे वक्त आउट हुए जब टीम को उनकी ज्यादा जरूरत थी। मैच हारने के बाद अश्विन की इस हरकत की कई लोगों ने आलोचना की। कुछ पूर्व खिलाड़ियों ने इसे खेल भावना के विपरीत बताया।

क्या होता है मांकडिंग

इसमें नॉन-स्ट्राइकर को बोलर द्वारा गेंद फेंकने से पहले रन आउट किया जाता है। इसमें जब गेंदबाज को लगता है कि नॉन-स्ट्राइकर क्रीज से बहुत पहले बाहर निकल रहा है तो वह नॉन-स्ट्राइकर छोर की गिल्लियां उड़ाकर नॉन-स्ट्राइकर को आउट कर सकता है। इसमें गेंद रेकॉर्ड नहीं होती लेकिन विकेट गिर जाता है।

कैसे पड़ा नाम?

भारत के बेहतरीन ऑलराउंडर वीनू मांकड़ ने सबसे पहले ये कारनामा किया था। साल 1947 में टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गयी थी। इसी सीरीज़ में मांकड़ ने 13 दिसंबर को सिडनी टेस्ट में गेंद फेंकते वक़्त बिल ब्राउन को रन आउट कर दिया। उस समय भी यही हुआ था। मांकड़ गेंद फेंकने जा रहे थे और ब्राउन बार-बार गेंद फेंके जाने से पहले ही रन लेने के लिए निकल रहे थे। मांकड़ ने उन्हें रन आउट कर दिया। इससे पहले वो बिल ब्राउन को ही ऑस्ट्रेलियन इलेवेन के खिलाफ़ खेलते हुए ऐसे ही आउट कर चुके थे। पहली बार के रन आउट में मांकड़ ने एक चेतावनी दी थी। लेकिन सिडनी टेस्ट में उन्होंने कोई वॉर्निंग नहीं दी और सीधे ब्राउन की गिल्लियां बिखेड़ दी। उनकी वजह से बॉलर को नॉन-स्ट्राइकर के रन आउट कर देने को एक नाम मिला- मांकडिंग।

इस घटना के बाद भी खूब विवाद हुआ था। ऑस्ट्रेलिया की प्रेस ने मांकड़ की जमकर आलोचना की थी। अश्विन की तरह ही मांकड़ को खेल भावना की धज्जियां उड़ाने वाला प्लेयर बता दिया। उस वक़्त डॉन ब्रैडमैन ऑस्ट्रेलिया के कप्तान थे। उन्होंने मांकड़ को डिफेंड किया और तबसे जब भी कोई बॉलर, क्रीज से बाहर जाने वाले नॉन-स्ट्राइकर बैट्समैन को आउट कर देता है, उसे मांकडिंग कहा जाने लगा।

बेहतरीन ऑलराउंडर वीनू मांकड़

आपको बता दें कि वीनू मांकड़ ने 233 फर्स्ट क्लास टेस्ट मैचों में कुल 11, 593 रन बनाये। बायें हाथ से स्पिन गेंदबाजी करने वाले मांकड़ ने इतने ही मैच में 781 विकेट भी चटकाए। साल 1955 में न्यूजीलैंड के खिलाफ चेन्नई टेस्ट में पंकज रॉय के साथ पहले विकेट के लिए रिकॉर्ड 413 रन की रिकॉर्ड पार्टनरशिप वीनू की सबसे शानदार उपलब्धि रही। इनके करियर को अगर देखा जाए तो मालूम पड़ेगा कि कपिल देव के सिवा और कोई भी भारतीय ऑलराउन्डर वीनू मांकड़ के आस पास भी नहीं भटक सकता।

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