इस्तीफा देने वाले आईएएस अधिकारी गृह मंत्रालय की जांच में घिरे थे

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नई दिल्ली, 13 सितंबर (आईएएनएस)| हाल ही में कश्मीर में लगाए गए प्रतिबंधों का हवाला देते हुए भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के पद से इस्तीफा देने वाले अधिकारी कन्नन गोपीनाथन केंद्रीय गृह मंत्रालय की जांच के दायरे में हैं। कन्नन ने पिछले महीने ही यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया था कि वह जम्मू एवं कश्मीर में पांच अगस्त से लगाए गए प्रतिबंधों के कारण परेशान हैं। उन्हें गृह मंत्रालय की ओर से कर्तव्यों का पालन नहीं करते हुए काम में ढील बरतने और अनुपस्थित रहने के कारण आठ जुलाई को एक नोटिस जारी किया गया था।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केंद्र शासित प्रदेश दमन और दीव व दादरा और नगर हवेली की सरकार से एक प्रस्ताव मिलने के बाद उनके खिलाफ उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया था।


एजीएमयूटी कैडर के 33 वर्षीय आईएएस अधिकारी दमन और दीव के अलावा दादरा और नगर हवेली के बिजली विभाग में सचिव के रूप में तैनात थे। उन्होंने 21 अगस्त को अपना इस्तीफा दे दिया था।

दमन और दीव व दादरा और नगर हवेली केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन ने गृह मंत्रालय के संज्ञान में लाया है कि कन्नन गोपीनाथन अनुपस्थिति व कमीशन से संबंधित विभिन्न कृत्यों में लिप्त रहे हैं। यह आईएएस आचरण नियम-1968 के खिलाफ है।

कारण बताओ नोटिस में कहा गया है, “केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन ने गृह मंत्रालय को 11 जून 2019 को भेजे गए पत्र में सूचित किया है कि आईएएस कन्नन गोपीनाथन अवहेलना, काम में विलंब व लापरवाही जैसे कृत्यों में लिप्त रहे हैं।”


गृह मंत्रालय ने उनसे यह नोटिस प्राप्त करने की तारीख से 10 दिनों के भीतर कारण बताने को कहा था। इसमें कहा गया था कि क्यूं न इन लापरवाही के लिए उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाए।

गोपीनाथन के खिलाफ कई वजहों से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। पत्र में कहा गया, “संशोधित स्थायी निवास सर्टिफिकेट जारी करने से संबंधित फाइल जमा करने में गोपीनाथन की ओर से नौ महीने की देरी की गई।”

इसके अलावा पत्र में कहा गया, “गोपीनाथन को मई 2018 तक भूमिगत विद्युत केबल बिछाने और बिजली के खंभों को शिफ्ट करने के काम को पूरा करने के लिए कहा गया था, ताकि नरौली से शहीद चौक तक और शहीद चौक से समरवानी तक सड़कों के सौंदर्यीकरण की परियोजनाओं को जल्द से जल्द पूरा किया जा सके। मगर मार्च 2019 तक खंभों को शिफ्ट करने का काम नहीं किया गया।”

इसके अलावा भी पत्र में कई ऐसे महत्वपूर्ण कार्यो का जिक्र किया गया, जिसमें गोपीनाथन द्वारा लापरवाही बरती गई।

साल 2012 बैच के आईएएस अधिकारी ने हाल ही में जम्मू एवं कश्मीर राज्य का विशेष दर्जा खत्म करने के बाद एहतियात के तौर पर लगाए गए प्रतिबंधों से आम लोगों की दिक्कतों का हवाला देते हुए पद से इस्तीफा दे दिया था।

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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