नई दिल्ली, 25 मार्च (आईएएनएस)| वित्तीय संकट से घिरी जेट एयरवेज के बोर्ड की सोमवार को हुई बैठक काफी अहम साबित हुई, जब कंपनी के संस्थापक व प्रमोटर नरेश गोयल और उनकी पत्नी अनिता गोयल ने एयरलाइन के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया।
उनके इस्तीफों के साथ भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की अगुवाई में कर्जदाताओं ने कंपनी का प्रबंधन अपने हाथों में ले लिया।
जेट के बोर्ड ने सोमवार को कर्जदाताओं के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की।
कंपनी ने कहा कि चेयरमैन पद से इस्तीफा देने के बाद जेट एयरवेज में नरेश गोयल की हिस्सेदारी घटकर 25.5 फीसदी रह गई है।
एक अरब डॉलर से अधिक के कर्ज में डूबी जेट बैंकों, आपूर्तिकर्ताओं, पायलट और पट्टेदारों की कर्जदार है। कई पट्टेदारों ने जेट एयरवेज से अपना पट्टा तोड़ना शुरू कर दिया है।
बोर्ड की बैठक के बाद जेट ने अपने बयान में कहा कि बैंक कंपनी में अपनी हिस्सेदारी नए निवेशक को बेचने के लिए बोली की प्रक्रिया शुरू करेंगे और यह प्रक्रिया जून के आखिर तक पूरी हो सकती है।
कंपनी के निदेशक मंडल ने कर्जदाताओं के निर्देश पर कंपनी के दैनिक संचालन और नकदी प्रवाह के प्रबंधन व निगरानी के लिए अंतरिम प्रबंधन समिति के गठन को भी मंजूरी प्रदान की।
एयरलाइन के रोजाना संचालन के प्रबंधन के लिए कई नामों पर चर्चा चल रही है, जिनमें एसबीआई के पूर्व अध्यक्ष अरुण कुमार पुरवार, अरुं धति भट्टाचार्य, एयर इंडिया के वर्तमान चेयरमैन अश्विनी लोहानी के नाम शामिल हैं।