झारखंड : पेट भरने के लिए ‘दीदी किचन’ पहुंच रहे गरीब

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रांची, 9 अप्रैल (आईएएनएस)। झारखंड की राजधानी रांची से सटे खूंटी जिले के मुरही गांव की रहने वाली बुजुर्ग महिला रेवंती देवी के पैर उम्र के साथ उनका साथ नहीं दे रहे, लेकिन वे भी ‘दीदी किचन’ में भरपेट भोजन कर अपने घर वापस जा रही हैं। उन्हें इस बात की खुशी है कि उनका बेटा इन दिनों मजदूरी करने घर से बाहर जाकर पैसे भले ही नहीं कमा रहा हो, लेकिन उन्हें पेटभर भोजन तो मिल जा रहा।

झारखंड में दीदी किचन से संतुष्टि केवल एक रेवंती देवी को ही नहीं है। झारखंड के सैकड़ों दिहाड़ी मजदूर इस लॉकडाउन में बेरोजगार हो गए हैं, जो प्रतिदिन मजदूरी करते थे और रात को उन्हीं पैसे से उनके घर का चूल्हा जलता था।


कोविड-19 के बढ़ते प्रसार के बीच बचाव एवं रोकथाम के लिए पूरे देश में लागू लॉकडाउन के दौरान झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रोमोशन सोसाइटी (जेएसएलपीएस) के तहत गठित सखी मंडल लगातार लोगों को सहायता प्रदान कर रहा है। राज्य में लॉकडाउन के दौरान प्रभावित गरीब व असहाय, निर्धन परिवारों तथा दूसरे राज्यों से आए हुए मजदूरों को खाली पेट न सोना पड़े, इसे लेकर ग्रामीण विकास विभाग द्वारा दीदी योजना की शुरुआत की गई है।

जेएसएलपीएस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजीव कुमार ने आईएएनएस कहा, “मुख्यमंत्री दीदी किचन के जरिए गांव की दीदियों के द्वारा नि:शुल्क भोजन उपलब्ध कराने की व्यवस्था राज्य के विभिन्न प्रखंड के पंचायतों में की गयी है। सभी पंचायतों में जरूरतमंदों को नि:शुल्क भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। राज्य के 4121 पंचायतों में मुख्यमंत्री दीदी किचन संचालित है। इसमें संचालिका भी नि:शुल्क सेवा दे रही हैं। ”

उन्होंने बताया कि पंचायतों में ताजा एवं गर्म खाना परोसा जा रहा है।


उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा, “पिछले 24 घंटे में दीदी किचन के माध्यम से करीब 2 लाख 74 हजार से ज्यादा जरूरतमंद व्यक्ति यहां भोजन कर चुके हैं। साथ ही जरूरमंद व राहगीरों को भी भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे कोई भी व्यक्ति भूखा ना रहे।”

खूंटी की ही लिमरा पंचायत के कटसीमाला गांव में अनिता देवी पूरी तन्मयता से लोगों को खाना खिला रही हैं। वह दीदी किचन में अन्य महिलाओं के साथ मिलकर खाना बनाती हैं और आने वाले सभी लोगों को खाना खिला रही है। दोपहर में वे लोगों को भात (चावल), दाल और सब्जी खिला रही हैं।

सखी मंडल की सदस्य अनिता आईएएनएस से कहती हैं, “किसी दिन खिचड़ी और अचार परोसा जाता है तो किसी दिन भात, दाल और सब्जी। आने वाले सभी लोगों को खिलाती हूं। किसी को कैसे लौटा सकती हूं।”

गौरतलब है कि इस दौरान सभी लोग सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते और कोरोना को लेकर एक-दूसरे को जागरूक करते भी दिखे।

झारखंड में देवघर में जहां 194 दीदी किचन चल रहे हैं, वहीं बोकारो में 232, चतरा में 154, धनबाद में 254, दुमका में 206, गढ़वा में 189, गिरिडीह में 350, गोड्डा में 198 तथा लातेहार में 85 दीदी किचन संचालित हैं। अधिकाारी बताते हैं कि राज्य के सभी 24 जिलों में दीदी किचन का संचालन किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री दीदी किचन में सामाजिक दूरी एवं सैनेटाइजेशन की भी व्यवस्था की गई है।

उल्लेखनीय है कि राज्य में सखी मंडल की महिलाएं मास्क और सैनेटाइजर भी बना रही है।

एक अधिकारी ने बताया, “अब तक सखी मंडलों द्वारा 4 लाख 32 हजार से ज्यादा मास्क का निर्माण किया जा चुका है वहीं विभिन्न जिलों में डेढ़ लाख से ज्यादा सैनेटाइजर, पैकेजिंग एवं विनिर्माण सुनिश्चत किया गया है।”

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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