नई दिल्ली, 3 फरवरी (आईएएनएस)। संवैधानिक परिवर्तन और जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन राज्य के पुनर्गठन के बाद, केंद्र शासित प्रदेश भारत की मुख्यधारा में पूरी तरह से एकीकृत हो गया है और पंचायती राज के बाद जमीनी स्तर के लोकतंत्र की त्रिस्तरीय व्यवस्था (3-टियर सिस्टम) स्थापित की गई है। केंद्र ने बुधवार को संसद के समक्ष यह बात कही।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा में जानकारी साझा की।
रेड्डी ने कहा, जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख दोनों केंद्र शासित प्रदेश अब पूरी तरह से राष्ट्र की मुख्यधारा में एकीकृत हैं। इसके परिणामस्वरूप, भारत के संविधान में निहित सभी अधिकार और सभी केंद्रीय कानूनों का लाभ मिल रहा है, जिसका देश के अन्य नागरिकों द्वारा आनंद लिया जा रहा था और यह अब जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख के लोगों के लिए भी उपलब्ध है।
मंत्री ने कहा कि इस परिवर्तन से नए केंद्र शासित प्रदेशों – जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख दोनों में सामाजिक-आर्थिक विकास हुआ है।
रेड्डी ने कहा कि अब यहां के लोगों का सशक्तीकरण हो रहा है, अन्यायपूर्ण कानूनों को हटाया दिया गया है और बराबरी एवं निष्पक्षता का माहौल बना है। उन्होंने कहा, ऐसे कुछ महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं, जो नए केंद्र शासित प्रदेशों को शांति और प्रगति की राह पर ले जा रहे हैं।
केंद्र शासित प्रदेशों में हाल के पंचायत स्तर और ब्लॉक स्तर के चुनावों का उल्लेख करते हुए, मंत्री ने कहा कि जमीनी स्तर के लोकतंत्र की त्रिस्तरीय प्रणाली अब जम्मू एवं कश्मीर में स्थापित हो गई है।
उन्होंने कहा, पंचायत राज संस्थाओं जैसे पंच और सरपंच, ब्लॉक डेवलपमेंट काउंसिल और जिला विकास परिषदों के चुनाव के साथ, अब जम्मू एवं कश्मीर में जमीनी स्तर के लोकतंत्र की त्रिस्तरीय व्यवस्था स्थापित की गई है।
बता दें कि पिछले साल पांच अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का अधिकार देने वाले भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया था। इसके साथ ही राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया गया। राज्य का यह पुनर्गठन 31 अक्टूबर 2019 से प्रभावी हुआ।
हाल ही में पंचायत और नगरपालिका सीटों के लिए उपचुनाव जम्मू एवं कश्मीर में एक साथ आयोजित किए गए थे। पिछले साल 28 नवंबर को प्रथम चरण का मतदान हुआ और 19 दिसंबर को अंतिम चरण का मतदान संपन्न हुआ। इसके बाद 22 दिसंबर को मतगणना की गई थी।
–आईएएनएस
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