26 जुलाई 1999 भारतीय इतिहास का एक बड़ा दिन है। इसी दिन भारतीय सेना ने पकिस्तान के खिलाफ कारगिल युद्ध (Kargil War 1999) में विजयी हासिल कर ली थी। इसलिए ही हर साल की 26 जुलाई को ‘कारगिल विजय दिवस’ (Kargil Vijay Diwas) के रूप में मनाया जाता है। इस साल इसे 20 वर्ष पूरे हो गए हैं।
भारतीय सेना के जांबाजों ने ‘ऑपरेशन विजय’ (Operation Vijay) के तहत पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ दिया था और कारगिल चोटी को आजाद कराया था। इस बार ऑपरेशन विजय की 20वीं वर्षगांठ है। इस दिन शहीद जवानों को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है।
पाकिस्तान के ‘ऑपरेशन कोह-ए-पैमा’ के जवाब में भारत का ‘ऑपरेशन विजय’
कारगिल युद्ध जो कारगिल संघर्ष के नाम से भी जाना जाता है। भारत और पकिस्तान के बीच का यह युद्ध कश्मीर के कारगिल जिले से प्रारंभ हुआ था, जो 3 मई 1999 को शुरू हुआ और 26 जुलाई 1999 को भारत की विजय के साथ समाप्त हुआ।
भारतीय भूमि कारगिल से पाकिस्तानियों को खदेड़ने के लिए भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन विजय’ चलाया था। यह ऑपरेशन पाकिस्तान के ‘ऑपरेशन कोह-ए-पैमा’ के जवाब में शुरू किया गया था। पाकिस्तान के कोह-ए-पैमा या ऑपरेशन कारगिल का मुख्य उद्देश्य कश्मीर और लद्दाख के लिंक को खत्म करना था। पाकिस्तानी जनरलों की योजना थी कि कश्मीर और लद्दाख को जोड़ने वाले एनएच-1 को हिट कर कश्मीर और लद्दाख का लिंक खत्म कर दिया जाएगा, ताकि सियाचिन से भारत सेना वापसी पर बाध्य हो जाए। लेकिन जनरलों की यह चाल कामयाब नहीं हो पाई और भातरीय सेना ने अपने इलाकों से पाकिस्तानी सेना को खदेड़ निकाला।
कहा जाता है कि इसकी तैयारी पूरी तरह से पाकिस्तानी सेना के तत्कालीन अध्यक्ष परवेज मुशर्रफ ने की थी, जिसकी जानकारी पाकिस्तान के बड़े टॉप जनरलों को भी नहीं थी। जब ऑपरेशन का प्लॉन नवाज शरीफ और कई दूसरे जनरलों के सामने आया तो कई जनरलों ने इसका विरोध किया था।
एक चरवाहे ने दी थी पाकिस्तानी कब्जे की सूचना
3 मई 1999 को पाकिस्तानी सेना के करीब 5000 सैनिकों ने अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करते हुए कारगिल के ऊंची पहाड़ियों पर कब्जा कर लिया था। भारतीय सेना को इसकी जानकारी एक चरवाहे ने दी थी। पाकिस्तानी सेना ने भारतीय पोस्ट को तहस नहस कर दिया था और यहीं से कारगिल युद्ध की शुरुआत हुई थी।
भारत ने खोए थे 527 वीर
भारतीय सेना ने कारगिल युद्ध में करीब 18 हजार फीट की ऊंचाई पर शान से अपना तिरंगा लहराया था। जांबाज जवानों ने पकिस्तान को हराया, लेकिन इसमें कई भारतीय सैनिक शहीद हुए। भारत के लगभग 527 सैनिक शईद हुए और 1300 से ज्यादा सैनिक घायल हुए। पकिस्तान की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, इस युद्ध में उनके 357 सैनिक मारे गए थे और 665 से ज्यादा सैनिक घायल हुए थे। वहीं, भारतीय रिपोर्ट के अनुसार इस युद्ध में पाकिस्तान के करीब 1000-1200 सैनिकों की मौत हुई थी। जिनमें से 200 सैनिकों को भारत में ही दफना दिया गया था। हालांकि पाकिस्तान इस रिपोर्ट को हमेशा नकारता रहा है।