केरल : निकाय चुनाव में सीट बंटवारे से वाम मोर्चा का घटक असंतुष्ट

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तिरुवनंतपुरम, 12 दिसंबर (आईएएनएस)। मार्क्‍सवादी कमयुनिस्ट पार्टी (माकपा) की अगुवाई वाली केरल सरकार के एक सहयोगी, एनसीपी विधायक ने स्थानीय निकाय चुनावों में सीट बंटवारे पर अपनी नाखुशी जाहिर की है।

विपक्षी कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ ने इस मौके को तुरंत लपक लिया और एनसीपी को अपने गठबंधन में आने का न्योता दिया।


एनसीपी विधायक मणि सी. कप्पेन ने कहा कि उनकी पार्टी ने 2015 के स्थानीय निकाय चुनावों में 400 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ा था और मौजूदा चुनावों में सिर्फ 165 सीटें दी गईं।

तीन चरणों में हो रहे निकाय चुनाव सोमवार को खत्म हो जाएंगे और बुधवार को वोटों की गिनती होगी।

कप्पेन ने कहा, हम अब अपनी चुप्पी तोड़ रहे हैं, क्योंकि पाला निर्वाचन क्षेत्र में हमारी पार्टी एनसीपी ने नौ पंचायतों और एक नगरपालिका का नेतृत्व किया और हमें सिर्फ दो सीटें दी गईं। अब तक हमने अपनी निराशा व्यक्त नहीं की थी, लेकिन अब हमने उचित स्थान पर अपनी नाराजगी व्यक्त करने का फैसला किया है।


केरल में वर्षो से एनसीपी वाम दलों की सहयोगी रही है और इस समय उसके दो विधायक हैं, जिनमें एक राज्यमंत्री भी शामिल है।

कप्पेन ने पिछले साल के.एम. मणि के निधन के बाद उपचुनाव में पाला विधानसभा सीट जीती थी। मणि साल 1967 से लगातार पाला सीट से विधायक रहे थे और उन्होंने एक भी विधानसभा चुनाव में हार नहीं देखी थी।

साल 2011 और 2016 में मणि से हार चुके कप्पेन को पिछले साल इस पर सीट जीत मिली थी, वहीं मणि की पार्टी- केरल कांग्रेस (मणि) दिग्गज नेता के निधन के बाद सहानुभूति हासिल करने में विफल रही।

हालांकि कप्पेन के लिए चीजें बदतर हो गईं, मणि के बेटे जोस के. मणि अब अपने समर्थकों के साथ पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं और एलडीएफ के सहयोगी बन गए हैं, जबकि वरिष्ठ विधायक पीके जोसेफ के नेतृत्व वाला दूसरा गुट यूडीएफ में है।

इसके बाद कप्पेन को लगता है कि उनकी सीट जोस के. मणि को दी जा सकती है। कप्पेन की नाराजगी का पहला संकेत तब मिला, जब एनसीपी को पाला निकाय चुनावों में सिर्फ दो सीटें दी गईं।

–आईएएनएस

एमएनएस/एसजीके

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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