पटना, 28 जनवरी (आईएएनएस)| बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने यहां सोमवार को कहा कि भारत सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) की तरह मात्र चार प्रतिशत ब्याज पर दुग्ध उत्पादकों, मत्स्यपालन और मुर्गीपालन के लिए ऋण देने की घोषणा की है।
उन्होंने केंद्र सरकार से इसे जल्द लागू करने का आग्रह किया है। पटना में आयोजित ‘बिहार लाइवस्टक मास्टर प्लान’ का विमोचन और कई योजनाओं के शुरू होने के मौके पर लोगों को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को कृषि से वर्ष में जहां 180 दिनों का ही रोजगार मिल पाता है, वहीं अन्य बचे दिनों के लिए भूमिहीन और छोटी जोत के लघु, सीमांत किसानों की आय का प्रमुख स्रोत पशुपालन है।
बिहार में मछली उत्पादन में वृद्धि का दावा करते हुए मोदी ने कहा, “मत्स्य क्षेत्र (फिशरीज) में अब बिहार का उत्पादन इतना बढ़ गया है कि यहां की 32 हजार टन मछलियां नेपाल, सिलीगुड़ी, लुधियाना, गोरखपुर, रांची जैसे अनेक स्थानों पर भेजी जा रही हैं। राज्य में कुल 5़87 लाख टन मछली का उत्पादन हुआ है। मछली उत्पादन में बिहार आत्मनिर्भरता के करीब पहुंच गया है।”
उन्होंने कहा कि पहले बिहार में जहां इंसान का टीकाकरण भी ठीक से नहीं हो पाता था, वहीं आज गाय, भैंस, बैल और बकरी सहित कई जानवरों का भी टीकाकरण किया जा रहा है। आधार नंबर की तर्ज पर राज्य में जानवरों को भी एक पहचान नंबर दिया जा रहा है, जिससे उनके टीकाकरण समेत अन्य उचित देखभाल किया जा सके।
उपमुख्यमंत्री ने कि बिहार द्वारा ‘लाइवस्टक मास्टर प्लान’ के जरिए अगले पांच वर्ष में 6,300 करोड़ रुपये पशुपालन एवं उससे जुड़े क्षेत्रों पर खर्च करने की अनुशंसा की गई है, जिसका केवल 16 प्रतिशत सरकार के माध्यम से और शेष निजी क्षेत्र को खर्च करना है। उन्होंने कहा कि दुग्ध उत्पादन, मछली पालन क्षेत्र में यहां असीमित संभावनाओं के माध्यम से राज्य के किसानों की आय में वृद्धि की जाएगी।