खेल विभाग की फाइलों में दबी रैंकीरेड्डी की वुडन कोर्ट बनाने की इच्छा

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नई दिल्ली, 22 अक्टूबर (आईएएनएस)| सात्विकसाईराज रैंकीरेड्डी भारत के सबसे सफल युगल बैडमिंटन खिलाड़ियों में से एक हैं। अपने शहर में कोर्ट की कमी के कारण मजबूरन उन्हें युगल में आना पड़ा लेकिन आगे किसी खिलाड़ी के साथ ऐसा न हो, इसके लिए वह अपने शहर में वुडन कोर्ट बनाना चाहते हैं लेकिन उनकी यह इच्छा बीते तीन सालों से खेल विभाग की फाइलों में दफन पड़ी है।

रैंकीरेड्डी ने आईएएनएस के साथ साक्षात्कार में कहा कि उनके गृहनगर में कई बेहतरीन खिलाड़ी हैं, लेकिन सुविधाओं की कमी के कारण वे खासतौर पर एकल वर्ग में आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं। खुद सात्विक के साथ भी यही हुआ। सालों पहले बैडमिंटन की ओर रुख करने वाले इस खिलाड़ी को कोर्ट की कमी के कारण ही न चाहते हुए युगल वर्ग में आना पड़ा।


प्रीमियर बैडमिंटन लीग के चौथे सीजन के लिए अहमदाबाद स्मैश मास्टर्स द्वारा सात्विक को 52 लाख रुपये में खरीदा गया। भारत के युगल वर्ग के खिलाड़ियों में वह पीबीएल के सबसे महंगे खिलाड़ी बन गए। अब सात्विक यह पैसा अपने शहर में वुडन कोर्ट बनाने में लगाना चाहते हैं लेकिन सरकारी बेरुखी के कारण वह तमाम प्रयास के बावजूद सफल नहीं हो सके हैं।

आंध्र प्रदेश के अमलापुरम जिले के निवासी सात्विक ने कहा, “हमारे गृहनगर में बैडमिंटन से जुड़ी अच्छी सुविधाएं नहीं हैं। हमारे पास एक वुडन बैडमिंटन कोर्ट है, लेकिन उसमें अधिक सुविधाएं नहीं है। एक वुडन कोर्ट था लेकिन वह खराब था। ऐसे में अधिक सुविधाओं वाला वुडन बैडमिंटन कोर्ट बनाने की कोशिश में हूं। परंतु बीते तीन साल से मेरा यह प्रयास सफल नहीं हो पा रहा है क्योंकि खेल विभाग इसमें रुचि नहीं दिखा रहा है।”

इस कोशिश के तहत सात्विक ने कई नेताओं से बात की। हालांकि, उन्होंने उन नेताओं और अधिकारियों के नाम नहीं बताए। उनका कहना है कि बातचीत के बाद उन्हें आश्वासन तो मिला, लेकिन काम पूरा नहीं हुआ।


बकौल सात्विक, “मैं और मेरे पिता पिछले तीन साल से इस कोशिश में लगे हुए हैं। राष्ट्रमंडल खेलों के बाद मैंने स्थानीय नेताओं से बात की थी, लेकिन उनसे कोई पक्की प्रतिक्रिया नहीं मिली। कई सारे नेताओं ने कहा कि हम बनवा देंगे, आप चिंता मत कीजिए। जब भी अगली बार आएंगे, हम उसे तैयार रखेंगे लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। मैं पिछले तीन साल से इसके लिए प्रयास कर रहा हूं।”

सात्विक ने कहा कि उन्होंने आंध्र प्रदेश खेल प्रशासन में वुडन बैडमिंटन कोर्ट के लिए अर्जी डाली है, लेकिन अभी तक उस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं है। उन्होंने कहा, “हमने काफी लंबे समय से इसके लिए आवेदन किया है लेकिन उसका कोई जवाब नहीं आया। अमलापुरम में कई खिलाड़ी हैं, जो प्रतिभावान है लेकिन कोर्ट की कमी के कारण वे आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं।”

इस साल राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले सात्विक की इस कोशिश के बारे में जब अमलापुरम से संसद के सदस्य रवींद्र बाबू पांडुला से बात की गई, तो उन्होंने आईएएनएस से कहा, “अगर वह हमारे क्षेत्र के खिलाड़ी हैं, तो उनकी हर तरह से मदद होनी चाहिए। मैं निश्चित तौर पर उनकी मदद करूंगा। यह हमारी प्रथम जिम्मेदारी है कि हम उनकी जरूरतों को पूरा करें। उन्होंने मुझसे संपर्क नहीं किया है। मैं चाहता हूं कि वह मुझसे बात कर पूरी जानकारी दें।”

सात साल की उम्र से बैडमिंटन खेल रहे सात्विक इस बार पीबीएल में इतनी बड़ी राशि में खरीदे जाने पर हैरान भी हैं और खुश भी। उन्होंने कहा, “मैं बहुत खुश हुआ। मैंने इतने की उम्मीद नहीं की थी। मुझे 30 लाख तक की उम्मीद थी लेकिन 52 लाख में खरीदे जाने से बेहद खुश हूं। मैं इस राशि को अपने पिता को दूंगा। अगर मुझे कुछ चाहिए होगा, तो मैं उनसे मांग लूंगा।”

युगल वर्ग में खेलने की रुचि के बारे में सात्विक ने कहा, “मैं शुरू से ही युगल में अच्छा रहा था। मेरे गृहनगर में दो कोर्ट थे और हम खेलने वालसे 16-17 खिलाड़ी थे। इसमें मुझे एकल में खेलने का मौका नहीं मिलता था। इसलिए, मेरा स्मैश बेहतर हुआ और मैंने पूरे कोर्ट के बजाए आधे कोर्ट में भागने में अभ्यास अच्छा किया।”

अपने अगले लक्ष्य के बारे में सात्विक ने कहा, “पीबीएल मेरा लक्ष्य नहीं है। मेरा लक्ष्य ओलम्पिक ही है। उसी के लिए मैं अपनी तैयारी कर रहा हूं। ओलम्पिक में प्रवेश करना भी मेरा सपना है। हमें इसके लिए अपनी योजनाओं को बदलना पड़ता है। मिश्रित युगल के लिए मुझे अधिक मेहनत करनी होगी।”

सात्विक ने कहा कि पीबीएल से युगल वर्ग के खिलाड़ियों को अच्छी मदद मिल रही है। पिछले साल इस लीग से युगल वर्ग में उनके खेल में सुधार हुआ और उनके आत्मविश्वास और भी मजबूत हुआ। टीम के वरिष्ठ खिलाड़ियों ने उनकी काफी मदद की और उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिला।

भारत में युगल वर्ग के खिलाड़ियों से लोग अनजान हैं। इस पर सात्विक ने कहा, “कोई भी हमें नहीं जानता है। हमारे मैचों को प्राथमिक रूप से टीवी पर नहीं दिखाया जाता। इस कारण लोग भी युगल खिलाड़ियों के बारे में जानते नहीं। हमें खुद को साबित करने के लिए दो-तीन सुपर सीरीज खिताब जीतने होंगे और तभी लोगों को खिलाड़ियों के बारे में पता होगा और सभी इसी की कोशिश कर रहे हैं।”

सात्विक का कहना है कि देश को युगल वर्ग में अधिक खिलाड़ियों की जरूरत है। उन्होंने कहा, “अभी प्रथम रूप से युगल वर्ग में खेलने के लिए कुल चार खिलाड़ी हैं और लगातार शीर्ष-20 खिलाड़ियों में बने हुए हैं। हमें अपने देश में अधिक युगल खिलाड़ियों की जरूरत है ताकि प्रतिस्पर्धा कड़ी हो। तभी खिलाड़ियों का खेल उच्च स्तर का हो पाएगा।”

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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