किसान एकता को तोड़ने के प्रयासों से सावधान रहने की जरूरत : अजीत सिंह

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लखनऊ, 12 फरवरी (आईएएनएस)। नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों को एक खुले पत्र में राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के अध्यक्ष चौधरी अजीत सिंह ने चेतावनी दी है कि किसानों की एकता को तोड़ने के लिए आने वाले दिनों में प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने किसानों से इस तरह के प्रयासों से सावधान रहने को कहा है।

पत्र में उन्होंने लिखा कि किसानों को आतंकवादी और अब आंदोलनजीवी बताया जा रहा है जो बेहद आपत्तिजनक है। हमें अपनी युवा पीढ़ी को किसानों के आंदोलनों से जुड़े इतिहास से परिचित रखने की जरूरत है। मैं और मेरी पार्टी का हर कार्यकर्ता किसानों के साथ है और भविष्य में भी आपके साथ रहेंगे।


अत्यधिक भावुक पत्र में अजीत सिंह ने पिछले कई दशकों से अपने परिवार और विशेषकर अपने पिता और किसान नेता चौधरी चरण सिंह के साथ किसानों के संबंधों को याद किया।

उन्होंने लिखा है कि यह ही आप थे जिन्होंने मुझे रालोद का झंडा दिया और किसानों की समस्याओं को समझाया। मेरठ से लखनऊ तक 1988 की पदयात्रा इस यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। हमने सड़कों से संसद तक किसानों के कल्याण के लिए लड़ाई लड़ी है।

सिंह ने किसानों को याद दिलाया कि उद्योग मंत्री के रूप में उन्होंने चीनी मिलों के बीच की दूरी की सीमा को 25 किमी से घटाकर 15 किमी करने के लिए मंजूरी दी थी, ताकि अधिक चीनी मिलों को स्थापित किया जा सके।


रालोद अध्यक्ष ने कहा कि आज किसानों को दो समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। एक तरफ, नए कृषि कानून किसानों को आपदा के कगार पर ले जा रहे हैं और दूसरी तरफ, किसानों के लोकतांत्रिक आंदोलन को कुचलने की कोशिश की जा रही है।

अजीत सिंह ने आगे बताया कि वर्तमान समय में चौधरी चरण सिंह के सिद्धांत और भी प्रासंगिक हो गए हैं और फिलहाल मजबूत व एकजुट रहने की ज्यादा जरूरत है।

–आईएएनएस

एसआरएस-एसकेपी

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