आज वर्ष 2019 का दूसरा सूर्य ग्रहण है। यह एक पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा। आज दुनिया के चिली, अर्जेंटीना और दक्षिण पैसिफिक क्षेत्र में करीब 6000 मील तक यह अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा, जबकि भारत सहित एशियाई देशों में सूर्य ग्रहण नहीं दिखेगा।
आज चंद्रमा पूरी तरह से सूर्य को ढ़क लेगा, जिससे पूर्ण सूर्य ग्रहण देखने को मिलेगा। यह ग्रहण रात 10:25 बजे शुरू होगा और 2 घंटे 41 मिनट तक यह सूर्य ग्रहण चलेगा, जिसमें पूरे 4 मिनट, 33 सेकेंड तक पूर्ण सूर्य ग्रहण रहेगा। बता दें कि आज का यह पूर्ण सूर्य ग्रहण 2027 तक सबसे लंबा कुल सूर्यग्रहण होगा।
सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है, जिसका धर्म और विज्ञान दोनों में काफी महत्व है। इस प्रक्रिया में चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है। सूर्य ग्रहण का विज्ञान और धर्म, दोनों में काफी महत्व होता है। विज्ञान में पूर्ण सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है, जबकि हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार इसका मानव शरीर पर अपना प्रभाव है। कहा जाता है इस दौरान पृथ्वी का वातावरण दूषित हो जाता है। आइये जानते हैं पूर्ण सूर्य ग्रहण के दौरान क्या- क्या बदलाव होते हैं।
पूर्ण सूर्य ग्रहण से जुड़े रोचक तथ्य
1. क्या आपको पता है पूर्ण सूर्य ग्रहण कैसे लगता है? पृथ्वी से सूर्य की दूरी चंद्रमा की दूरी से 400 गुना है और सूर्य का व्यास चंद्रमा के व्यास से 400 गुना है। इस संयोग के कारण, कुल सूर्य ग्रहण होता है, जिसमें चंद्रमा पूरे सूर्य को ढक लेता है। जब चंद्रमा सूर्य को 90 प्रतिशत से अधिक ढकता है, तब पूर्ण सूर्य ग्रहण माना जाता है।
2. पूर्ण सूर्य ग्रहण की सबसे लंबी अवधि 7.5 मिनट हो सकती है। इस बार 2 जुलाई को पूर्ण पूर्ण सूर्य ग्रहण की यह अवधि लगभग 4 मिनट और 33 सेकंड की होगी, जो 2027 तक सबसे लंबी अवधि होगी। आज का पूर्ण सूर्य ग्रहण 2017 के पूर्ण सूर्यग्रहण से लगभग दोगुना होगा।
3. ऐसा कहा जाता है कि हर 1.5 साल में एक बार कुल सूर्य ग्रहण होता है। एस्ट्रोनॉमर्स के लिए 2 जुलाई, 2019 को सबसे बड़ा ग्रहण है।
4. ग्रहण की छाया भूमध्य रेखा पर 1,100 मील प्रति घंटे और ध्रुवों के पास 5,000 मील प्रति घंटे से यात्रा करती है। सिर्फ उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों से आंशिक सौर ग्रहण देखे जा सकते हैं।
5. आपको पता है हाइब्रिड ग्रहण (Hybrid Eclipse) क्या है? यह एक दुर्लभ प्रकार का सूर्य ग्रहण है, जो पृथ्वी की सतह पर चंद्रमा की छाया के रूप में नजर आता है। अगला हाइब्रिड ग्रहण 20 अप्रैल, 2023 को होगा, जो कि ऑस्ट्रेलिया, पापुआ न्यू गिनी और इंडोनेशिया से देखा जा सकेगा। इसके बाद 14 नवंबर, 2031 को पनामा और प्रशांत महासागर के कुछ हिस्सों से यह देखा जाएगा।
6. पूर्ण सूर्य ग्रहण के दौरान तापमान 20 डिग्री फ़ारेनहाइट (20 degree Fahrenheit) या 12 डिग्री सेल्सियस ( 12 degree Celsius) तक गिर सकता है। ग्रहण की लंबी अवधि हमें सूर्य के विस्तारित कोरोना (Corona) को देखने में मदद करेगी। नए चंद्रमा की तुलना में सूर्य का कोरोना 10,000 चमकीला है।
7. प्रत्येक ग्रहण अपने ट्रैक के किसी बिंदु पर सूर्योदय से शुरू होता है और सूर्यास्त से शुरू होकर दुनिया भर के आधे रास्ते पर समाप्त होता है। पूर्णता के ट्रैक से आंशिक सूर्य ग्रहण 3,000 मील तक देखा जा सकता है। कुल सूर्यग्रहण के दौरान स्थानीय पशु और पक्षी अक्सर खुद को नींद के लिए तैयार करते हैं या अलग तरीके से व्यवहार करते हैं।