कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के अहम इलाके में निजी बस चलाने पर कोर्ट की रोक

  • Follow Newsd Hindi On  

नई दिल्ली, 18 फरवरी (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कॉर्बेट टाइगर रिजर्व क्षेत्र के महत्वपूर्ण इलाके में निजी कंपनी की बसों के परिचालन पर रोक लगा दी और उत्तराखंड सरकार को भी नोटिस जारी किया।

प्रधान न्यायाधीश एस.ए. बोबडे और न्यायमूर्ति ए.एस. बोपन्ना और वी.रामसुब्रमण्यम की पीठ ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण मामला है। हम अंतरिम रोक मंजूर करते हैं।


एक निजी कंपनी को कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के एक प्रमुख क्षेत्र में अपनी निजी बसों को चलाने की अनुमति देने के लिए वन विभाग के फैसले को चुनौती देते हुए वकील गौरव कुमार बंसल ने याचिका दायर की है।

याचिका में उत्तराखंड के वन विभाग द्वारा किए गए अवैध कार्य का हवाला दिया गया है, जहां एक निजी क्षेत्र की कंपनी को गलत तरीके से लाभ प्रदान करने के लिए अधिकारियों ने कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के मुख्य क्षेत्र के भीतर बसों के परिचालन की अनुमति दी।

याचिका में कहा गया, कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में बाघों की आबादी पूरे तराई क्षेत्र की व्यवहार्यता बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है, और निजी बसों के परिचालन के जरिए इसे बाधित करना देश की बाघों की आबादी को खतरे में डाल देगा।


याचिकाकर्ता ने दलील दी है कि वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की धारा 38 (वी) के अनुसार बाघ संरक्षण के उद्देश्य से इस क्षेत्र को मूल रूप और स्थिति में रखा जाना आवश्यक है।

याचिका में कहा गया, हालांकि, वर्तमान मामले में न तो वन अधिकारियों ने उत्तरदाता संख्या 02 (राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड) से कोई अनुमोदन लिया है और न ही राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण से कोई सलाह ली है।

याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के महत्वपूर्ण क्षेत्र के भीतर एक निजी क्षेत्र की कंपनी द्वारा बसों को चलाना हमारे राष्ट्रीय पशु की सुरक्षा और संरक्षण के साथ समझौता करने के अलावा और कुछ नहीं है।

–आईएएनएस

वीएवी/एसजीके

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
(आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम पर फ़ॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब भी कर सकते हैं.)