कोरोना काल में दोगुना हुआ पाम तेल का दाम

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नई दिल्ली, 1 मार्च (आईएएनएस)। पाम तेल के दाम में हाल के कुछ महीनों में बेतहाशा इजाफा हुआ है। भारतीय बाजार में पाम तेल और सोया तेल के भाव में महज एक से दो रुपये का अंतर रह गया है। ऐसे में उपभोक्ताओं के लिए पाम अब सस्ता तेल नहीं रह गया है और निकट भविष्य में इसके दाम में गिरावट के भी आसार नहीं हैं। बीते 10 महीने में पाम तेल का दाम करीब दोगुना बढ़ गया है।

खाद्य तेल उद्योग संगठन सॉल्वेंट एक्स्ट्रैटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के कार्यकारी निदेशक डॉ. बी.वी. मेहता ने बताया कि सोयाबीन और सूर्यमुखी का वैश्विक स्टॉक कम होने से खाने के सभी तेल के दाम में इजाफा हुआ है, इसके अलावा पाम तेल का उत्पादन भी उम्मीद से कम रहा है।


डॉ. मेहता ने खाद्य तेल में तेजी की पांच मुख्य वजहें बताई हैं :

1. वैश्विक बाजार में सोयाबीन की पिछले साल की फसल तकरीबन समाप्त हो गई है और ब्राजील व अर्जेटीना में नई फसल अप्रैल तक आएगी जिसके कारण क्रशिंग कम हो रही है।

2. सूर्यमुखी की फसल रूस और यूक्रेन में करीब 50 लाख टन कम है।


3. इंडोनेशिया और मलेशिया में पाम तेल स्टॉक में कमी आई है।

4. इंडोनेशिया और मलेशिया में पाम तेल पर एक्सपोर्ट ड्यूटी लगने से भी तेल का आयात महंगा हो गया है।

5. भारत में सरसों की फसल की आवक भी करीब एक पखवाड़ा विलंब से होगी।

पाम तेल का भाव बीते करीब 10 महीने में तकरीबन दोगुना हो गया है। कांडला पोर्ट पर आरबीडी पाम तेल का थोक भाव पिछले साल मई में जहां 65 से 68 रुपये किलो था, वहां अब बढ़कर 116 रुपये किलो हो गया है। कांडला पोर्ट पर ही आयातित सोया तेल का भाव 118 रुपये प्रति किलो चल रहा है। इस प्रकार आरबीडी पाम तेल और सोया तेल में महज दो रुपये किलो का अंतर रह गया है। वहीं, सूर्यमुखी तेल का थोक भाव 157 रुपये प्रति किलो है।

सरसों तेल के दाम में भी भारी बढ़ोतरी हुई है। देश में सरसों तेल का बेंचमार्क बाजार जयपुर में इस समय कच्ची घानी सरसों तेल का थोक भाव 125 रुपये प्रति किलो चल रहा है।

हालांकि देश के वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर सोमवार को क्रूड पाम तेल (सीपीओ) के दाम में थोड़ी नरमी आई फिर भी सीपीओ के मार्च अनुबंध में 1,055 रुपये प्रति 10 किलो पर कारोबार चल रहा, जबकि दिनभर के कारोबार के दौरान सीपीओ का भाव 1,070 रुपये प्रति 10 किलो तक उछला जो एक साल के निचले स्तर से करीब 88 फीसदी ऊपर है। बीते एक साल के दौरान सात मई 2020 को सीपीओ का वायदा भाव एमएसीएक्स पर 567.30 रुपये प्रति 10 किलो तक टूटा था।

तेल-तिलहन बाजार विशेषज्ञ मुंबई के सलिल जैन ने बताया कि ब्राजील में बारिश के अनुमान से फसलों की कटाई में देरी हो रही है, जबकि अर्जेटीना में गर्म मौसम से फसल खराब होने की आशंका बनी हुई है।

उन्होंने बताया कि यूक्रेन से सूर्यमुखी तेल की सप्लाई कमजोर रहने और कनाडा में कनोला की सिमित सप्लाई होने से खाद्य तेल के दाम को सपोर्ट मिल रहा है।

–आईएएनएस

पीएमजे/एसजीके

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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