कोरोना से निपटना सरकार की प्राथमिकता : पूर्व स्वास्थ्य मंत्री वैद्यनाथ राम (साक्षात्कार)

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रांची, 19 अप्रैल (आईएएनएस)। झारखंड में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या में जहां लगातार वृद्घि हो रही है वहीं सरकार लोगों को राहत देने के लिए भी लगातार प्रयास कर रही है। इस बीच राज्य के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और लातेहार क्षेत्र के विधायक वैद्यनाथ राम ने कहा कि कोरोना की लड़ाई सबको मिलकर लड़नी है और यह सरकार की प्राथमिकता है।

उन्होंने कहा कि अधिकारियों को चाहिए कि सरकार का जो भी निर्देश हो उसका पालन हो।


राज्य में स्वास्थ्य संसाधनों की कमी को स्वीकार करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार कोरोना से जंग के लिए लगातार प्रयास कर रही है।

उन्होंने आईएएनएस के साथ विशेष बातचीत में कहा, “विधायक कोटे की राशि से जो राहत सामग्री उपलब्ध कराई जानी है कि उसके लिए नियमों में संशोधन करते हुए उसे सरल बनाया जाना चाहिए।”

झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक वैद्यनाथ राम ने खुलकर तो नहीं लेकिन इतना जरूर माना कि देश में कोरोना संक्रमण फैलाने में तबलीगी जमात का बड़ा हाथ है। पूर्व मंत्री ने कहा कि रांची का हिंदपीढ़ी हॉटस्पॉट बना हुआ है। उन्होंने इसके लिए बाहरी लोगों को पूरी तरह जिम्मेदार बताया।


राम ने कहा, “झारखंड सरकार कोरोना की जंग से निपटने के लिए लगातार प्रयास कर रही है, लेकिन संसाधनों की कमी कारण मुश्किल का सामना भी करना पड़ रहा है।”

पूर्व स्वास्थ्य मंत्री ने बेबाकी से कहा, “इस मंत्रालय को समझना मुश्किल है। इसके लिए विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ चिकित्सकों के साथ संपर्क बनाए रखने की जरूरत है। मंत्री को चिकित्सकों की भी समस्या को देखना चाहिए।”

राज्य में शिक्षा, स्वास्थ्य, युवा संस्कृति और खेल विभाग तथा मद्य एवं निषेध मंत्री का दायित्व संभाल चुके राम ने आईएएनएस से स्पष्ट कहा कि इस मुश्किल दौर में जो भी घोषणा हो उसके लिए पहले नियमावली बने और संबंधित अधिकारियों को इसका निर्देश दिया जाए।

इस बयान पर जब उनसे पूछा गया कि क्या यह सरकार की सुस्ती है? इसके जवाब में उन्होंने इसे नकारते हुए कहा, “सवाल सरकार की सुस्ती का नहीं है। केवल समाचार पत्रों में छपने के लिए योजनाओं की घोषणा नहीं होनी चाहिए। उसकी कार्ययोजना बनने के बाद घोषणा की जानी चाहिए।”

उन्होंने वित्त मंत्री और खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री रामेश्वर उरांव के एक बयान का उदाहरण देते हुए कहा, “समाचार पत्र में वित्तमंत्री का एक बयान प्राकशित हुआ है कि विधायक कोटे से भी खाद्य सामग्री की आपूर्ति की जाएगी, लेकिन अब तक इसकी कोई जानकारी हम लोग तक नहीं आई है।”

विधायक निधि के माध्यम से 25-25 लाख रुपये का किए गए प्रावधान के संबंध में पूछे जाने पर राम ने कहा, “यह राशि विधायकों को अपने-अपने क्षेत्र में जरूरतमंद और निर्धन परिवारों के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने की अनुशंसा के प्रावधान के तहत दी गई है, लेकिन इसमें नियम काफी जटिल है, जिसे आसान बनाया जाना चाहिए।”

झारखंड में स्वस्थ्य संसाधनों की कमी की चर्चा करते हुए पूर्व स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “स्वास्थ्य मंत्रालय काम ठीक कर रहा है, लेकिन अचानक आई बीमारी से परेशानी बढ़ी है। स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता जी भी क्षमता के मुताबिक प्रयासरत है।”

पूर्व मंत्री कहते हैं कि संसाधनों की कमी है, जिसकी मांग केंद्र सरकार से भी की गई है। उन्होंने कहा, “कई दिनों तक यहां पीपीई किट ही नहीं थे, अभी तक एक भी वेंटिलेटर नहीं है, भगवान ना करे, अगर मरीज बढ़ते हैं, तो स्थिति क्या होगी समझा जा सकता है।”

–आईएएनएस

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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