कर्मचारियों के भत्ते पर रोक भाजपा का तुगलकी फरमान : कांग्रेस

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लखनऊ, 26 अप्रैल (आईएएनएस)। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा अपने राजस्व की कमी का बहाना बनाकर प्रदेश के कर्मचारियों व पेंशनरों के भत्ते पर रोक लगाना तुगलकी फरमान है।

लल्लू ने यहां रविवार को जारी अपने बयान में कहा कि भाजपा सरका कर्मचारियों और पेंशनरों के भत्ते पर 1 साल तक रोक लगाई है जो कि इस सरकार का तुगलकी फरमान है। सरकार के इस अव्याहारिक फैसले से राज्य के करीब 16 लाख कर्मचारी व 11़ 5 लाख पेंशन-धारक प्रभावित होंगे।


उन्होंने कहा कि महामारी के समय प्रदेश के डॉक्टर, पुलिसकर्मी, सफाई कर्मचारी, शिक्षक सहित सभी कर्मचारियों पर काम का दोगुना बोझ है, ऐसे समय में उनका डीए और डीआर को सस्पेंड करना उन्हें हतोत्साहित करना है।

कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार निजी कंपनियों व उद्योगों के मालिकों से अपील करती है कि अपने कर्मचारियों का वेतन न काटें, और समय से पहले वेतन दें, वही दूसरी तरफ सरकार द्वारा खुद के कर्मचारियों का हक मारना दुर्भाग्यपूर्ण होगा।

प्रदेश अध्यक्ष ने आगे कहा कि सभी कर्मचारी संगठनों ने अपनी क्षमता के अनुसार खुद आगे आकर प्रदेश के राहत कोश में मदद दी है। सरकार द्वारा इस कर्मचारी विरोधी फैसले से सभी कर्मचारी नाराज हैं और आंदोलन कर सकते हैं।


गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में कोविड-19 महामारी के मद्देनजर प्रदेश सरकार ने भी केंद्र की तरह अपने कर्मियों का जनवरी से प्रस्तावित महंगाई भत्ता व पेंशनरों की महंगाई राहत राशि रोकने का ऐलान किया है। सरकार ने राज्य कर्मचारियों के 6 तरह के भत्तों पर रोक लगाई है। भत्तों को 31 मार्च, 2021 तक स्थगित रखा जाएगा। इनमें मंहगाई भत्ता, विभागीय भत्ते, सचिवालय भत्ता व पुलिस भत्ता भी शामिल हैं।

सरकार के फैसले का 16 लाख कर्मचारी व 11़82 लाख पेंशनर पर असर पड़ेगा। प्रदेश सरकार केंद्र के फैसले पर हर संभव अमल का प्रयास करती है, उसी क्रम में यह निर्णय लिया गया है।

–आईएएनएस

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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