कश्मीर में इंटरनेट सेवा बंद होने से बेरोजगारी बढ़ी

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श्रीनगर, 11 दिसम्बर (आईएएनएस)| कश्मीर में इंटरनेट सेवा बंद होने के कारण मोबाइल फोन की बिक्री में गिरावट ने सैकड़ों लोगों को नौकरी खोने के कगार पर पहुंचा दिया है। श्रीनगर में मोबाइल आउटलेट पर काम करने वाले अधिकांश कर्मचारियों को अगस्त से वेतन नहीं मिला है।

श्रीनगर के रेजिडेंसी रोड में एक मोबाइल फोन आउटलेट के एक सेल्समैन शौकत अहमद डार ने कहा कि उन्हें या तो नौकरी छोड़नी होगी या फिर ट्रांसफर लेना होगा।


चार सदस्यों वाले परिवार के लिए इकलौते कमाने वाले शौकत ने कहा कि पांच अगस्त को केंद्र द्वारा अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद से उन्हें 14,000 रुपये का वेतन नहीं मिला है।

उन्होंेने कहा, “हमारी सैलरी जारी नहीं होने का एक कारण यह है कि इंटरनेट बंद होने के कारण हम अपनी उपस्थिति को ऑनलाइन मार्क नहीं कर पाए हैं।”

उन्होंने कहा कि मोबाइल फोन की बिक्री में 90 फीसदी की गिरावट आई है।


शौकत ने कहा, “अगर मैं 26 पीस बेच सकता हूं, तो ही मुझे वेतन मिलेगा।” उन्होंने कहा, “जब से बिक्री में गिरावट आई है, हम लगभग बेरोजगार हैं।”

एक अन्य कर्मचारी, अरसलान शाह ने कहा कि उनका वेतन केवल एक महीने में 26 फोन बेचने के लक्ष्य को पूरा करने के बाद मिलता है।

उन्होंने कहा कि उनके पिता को दिल की बीमारी है और वह एक मजदूर के रूप में काम करने के लिए नौकरी छोड़ने पर विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “यह एक कठिन स्थिति है, मैंने पहले कभी ऐसा बुरा वक्त नहीं देखा।”

पूरे कश्मीर में विभिन्न मोबाइल ब्रांड की दुकानों में लगभग 8,000 लोग कार्यरत हैं।

अरसलान ने कहा, “हम इन दिनों कोई मोबाइल फोन नहीं बेच रहे हैं, इसलिए प्रोत्साहन का कोई सवाल ही नहीं है।”

श्रीनगर में सैमसंग आउटलेट के मालिक मुनीर कुरैशी ने कहा कि इंटरनेट सेवा बंद होने से पहले वह अपने दो आउटलेट में औसतन 150 पीस बेचते थे।

उन्होंने कहा कि अब यह एक दिन में पांच पीस रह गया है। उन्होंने कहा, “हमारे क्षेत्रीय वितरक मासिक बिलिंग 25 करोड़ रुपये में करते थे, अब यह हर महीने महज 85 लाख रुपये है।”

उन्होंने कहा कि कश्मीर में 1,450 सैमसंग आउटलेट हैं, लेकिन व्यापार के नुकसान के कारण कश्मीर को सैमसंग द्वारा ब्लैकलिस्ट में डाल दिया गया है।

उन्होंने कहा, “वे एक कोरियाई कंपनी हैं, वे बिक्री चाहते हैं।” उन्होंने आगे कहा कि इंटरनेट फिर से शुरू होने के बाद, रिकवर होने में कम से कम एक साल लगेगा।

मुनीर ने कहा, “हमने अतीत में आंदोलन और लंबे समय तक रहे अशांत हालात देखे हैं, लेकिन हालात कभी भी इतने बुरे नहीं रहे हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “अगर ऐसी ही स्थिति जारी रहती है तो हमारे पास व्यवसाय बदलने के अलावा कोई और विकल्प नहीं होगा।”

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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