कुछ समय के लिए फिल्मों से दूर रहने का निर्णय मेरा था : करिश्मा कपूर

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नई दिल्ली, 22 मई (आईएएनएस)| बड़े पर्दे पर करिश्मा कपूर को देखे सात साल बीत चुके हैं। आखिरी बार उन्हें साल 2012 में आई फिल्म ‘डेंजरस इश्क’ में देखा गया था और तब से उनके चाहने वाले बड़े पर्दे पर उनकी वापसी का इंतजार कर रहे हैं।

करिश्मा का कहना है कि फिल्में न करने का निर्णय उनका था क्योंकि वह घर पर रहकर अपने बच्चों संग समय व्यतीत करना चाहती थीं। हालांकि अब करिश्मा एक नए प्लेटफॉर्म पर बिल्कुल भिन्न अवतार में अपनी वापसी करने वाली हैं।


जब आईएएनएस से टेलीफोन में हुई बातचीत के दौरान उनसे यह पूछा गया कि इतने दिनों बाद कैमरे के सामने फिर से लंबे समय तक काम करने में क्या उन्हें घबराहट हुई?

करिश्मा ने एक्टिंग की तुलना स्विमिंग और साइकिलिंग से करते हुए कहा, “यह मुझमें अन्तर्निहित है। यह कुछ ऐसा है जो मेरे अंदर से कभी नहीं जा सकता है। मैं एक रोचक विषयवस्तु के इंतजार में थी। मैंने फिल्में नहीं की क्योंकि ये मेरा निर्णय था, मेरे बच्चे काफी छोटे थे। मैं घर पर रहकर अपनी फैमिली और बच्चों के साथ वक्त गुजारना चाहती थी।”

करिश्मा के बच्चे समाइरा और कियान भी उनकी वापसी को लेकर बेहद उत्साहित हैं।


इस बीच करिश्मा के पास कई सारे ऑफर्स आए, लेकिन वापसी के लिए करिश्मा ने आल्ट बालाजी के ‘मेंटलहूड’ को चुना।

करिश्मा ने कहा, “यह पूरा शो मातृत्व पर आधारित है। एक मां होने के तमाम उतार-चढ़ाव और भावनाओं को इसमें दिखाया जाएगा।”

करिश्मा इसमें मीरा शर्मा के किरदार को निभा रहीं है जो एक स्मॉल टाउन मदर है और मुंबई जैसे शहर में तमाम उतार-चढ़ावों का सामना कर अपना सफर तय करती है।

डिजिटल प्लेटफॉर्म पर यह करिश्मा का पहला प्रोजेक्ट है। ‘मेंटलहूड’ के निर्देशक करिश्मा कोहली हैं।

करिश्मा ने यह भी कहा, “मैं काफी लकी रही कि मेरा करियर इतना शानदार रहा और मैंने कई तरह की भूमिकाएं निभाई है। यह मेरे लिए थोड़ा अलग है..एक नया प्लेटफॉर्म। मैं एक रेडियो जॉकी भी रह चुकी हूं। अलग-अलग चीजों को ट्राय करना मुझे पसंद है।”

करिश्मा के लिए उनकी मां और अभिनेत्री बबिता स्ट्रॉन्गेस्ट हैं।

करिश्मा ने कहा, “उन्होंने मुझे और मेरी बहन (करीना) को ताकत और मूल सिद्धांतों की पूर्ण शिक्षा दी हैं। हमने उनसे बहुत कुछ सीखा है। परिवार को सम्मान देना, पैसे के मूल्य को समझना, मेहनत करना, समझदार रहने और अच्छे इंसान बनने की शिक्षा उन्होंने हमें दी हैं। ये सारी चीजें काफी लंबे समय तक आपके साथ रहती हैं और एक इंसान के रूप में आपको ढालती है।”

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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