मानव संसाधन मंत्री ने नोएडा में सिम्बोइसिस परिसर का उद्घाटन किया

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नोएडा, 24 सितम्बर (आईएएनएस)| केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने मंगलवार को यहां सिम्बोइसिस इंटरनेशनल डीम्ड यूनिवर्सिटी के कैम्पस का उद्घाटन किया। सिम्बोइसिस का मुख्यालय पुणे में है। इसने नोएडा में सिम्बोइसिस सेंटर फॉर मैनेजमेंट स्टडीज (एससीएमएस) और सिम्बोइसिस लॉ स्कूल (एसएलएस) की 2010 में शुरुआत की थी। अब दोनों संस्थान नोएडा सेक्टर-62 में स्थित एक नए पसिसर में स्थानांतरित हो चुके हैं।

उद्घाटन के अवसर पर पोखरियाल के अलावा स्वामी रामदेव और सिम्बोइसिस इंटरनेशनल (डीम्ड यूनिवर्सिटी) के कुलपति डॉ. एस बी मजुमदार उपस्थित रहे। साथ ही सिम्बोइसिस इंटरनेशनल (डीम्ड यूनिवर्सिटी) की प्रो-चांसलर डॉ. विद्या येरवडेकर तथा वाइस-चांसलर डॉ. रजनी गुप्ते भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थीं।


इस अवसर पर पोखरियाल ने संवादाताओं से कहा, “विकास की ओर अग्रसर किसी भी देश के लिए शिक्षा आधार की तरह है। यह समाज को आगे ले जाती है। सिम्बोइसिस यूनिवर्सिटी ने शिक्षा, इनोवेशन और रिचर्स के माध्यम से अपने सभी लक्ष्यों को हासिल किया है और यह समाज को विकास की ओर से जाने की दिशा में उत्कृष्ट काम कर रहा है।”

सिम्बोइसिस नोएडा कैम्पस नोएडा की प्राइम लोकेशन पर 10 एकड़ क्षेत्रफल में फैला है और इस कैम्पस को उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान करने की कोशिशों के लिए जाना जाता है। अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्च र, एलसीडी युक्त खुले लैक्च र हॉल व समृद्ध पुस्तकालय पढ़ाई का माकूल परिवेश मुहैया कराते हैं।

एससीएमएस नोएडा एसआईयू का अंडरग्रेजुएट इंस्टीट्यूट है, यह तीन वर्षीय बीबीए प्रोग्राम का जाना माना संस्थान है, जिसमें अंडरग्रेजुएट स्तर पर ऐप्लीकेशन आधारित मैनेजमेंट शिक्षा प्रदान की जाती है। इस कोर्स में व्यावहारिक ज्ञान व मजबूत कंसेप्चुअल इनपुट पर बल दिया जाता है, विद्यार्थियों को अच्छी तरह प्रशिक्षण दिया जाता फलस्वरूप वे जीवन में प्रगति करते हैं फिर चाहे वह उच्च शिक्षा में हो, कॉपोर्रेट जगत में या उद्यमिता में।


एसएलएस नोएडा में बीए एलएलबी, बीबीए एलएलबी और एलएलएम कोर्स कराए जाते हैं और यह कानूनी शिक्षा प्रदान करने वाले, भारत के बेहतरीन संस्थानों में से एक है। एलएलएम प्रोग्राम की खासियत यह है कि यह कानून एवं रिसर्च ओरियेंटेशन के अध्ययन में अंत:विषयी ²ष्टिकोण पर जोर देता है। यह एक वर्षीय फुल टाइम कोर्स है।

अकादमिक वर्ष 2019-20 के लिए कुल 300 सीटें हैं। सीटों का आरक्षण स्वीकृत प्रवेश में अनुसूचित जाति 15 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति 7.5 प्रतिशत, दिव्यांग 3 प्रतिशत; स्वीकृत प्रवेश के बाद जम्मू व कश्मीर के प्रवासियों को 2 सीट प्रति कार्यक्रम, अंतर्राष्ट्रीय विद्यार्थियों के लिए 15 प्रतिशत (पीआईओ और एनआरआई समेत)।

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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