मछली पालन से 5 गुनी होगी किसानों की आय : गिरिराज सिंह

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नई दिल्ली, 21 नवंबर (आईएएनएस)| केंद्रीय पशुपालन, मछली पालन और डेयरी मंत्री गिरिराज सिंह ने गुरुवार को कहा कि देश में मछली पालन में अपार संभावनाएं हैं और इससे किसानों की आमदनी पांच गुनी हो सकती है। उन्होंने कहा कि मछली पालन क्षेत्र को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार ने दो विधेयकों का मसौदा तैयार किया है और ये विधेयक संसद के चालू सत्र में ही पेश किए जाएंगे। इन विधेयकों में एक राष्ट्रीय समुद्रीय मछली पालन नियमन व प्रबंधन विधेयक शामिल हैं।

केंद्रीय मंत्री यहां विश्व मात्स्यिकी दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा, “भारत में अवसर जबरदस्त है और अभी हम 1.3 करोड़ टन मछली का उत्पादन कर रहे हैं, लेकिन पिछले 70 साल (2014 में मोदी सरकार के आने से पहले) में जितना उत्पादन हुआ उतने उत्पादन लक्ष्य को हम 2014 से लेकर अगले महज 10 साल में हासिल करेंगे।”


उन्होंने देश के जलाशयों का बेहतर उपयोग करने और मछली पालन के आधुनिक तरीकों से मछली पालक किसानों की आमदनी बढ़ाने के तरीकों पर प्रकाश डाला। इस मौके पर कुछ मछली पालक किसानों ने भी अपने अनुभव सुनाए जो मछली पालन से अच्छी कमाई कर रहे हैं। हरियाणा के मछली पालक प्रवीण यादव ने बताया कि एक एकड़ के तालाब में 4.5 टन शिंप्र का उत्पादन करते हैं और तीन-चार महीने में एक फसल लेते हैं। यादव ने बताया कि 22 लाख रुपये की लागत से वह 50 लाख रुपये तक की कमाई करते हैं।

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बताया कि मछली का उत्पादन बढ़ाने और मछली पालकों की आमदनी बढ़ाने के लिए मछली पालकों के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी।

उन्होंने कहा कि आज जैविक कृषि पर जोर दिया जा रहा है जबकि मछली हमेशा से जैविक उपज है।


कार्यक्रम में केंद्रीय मछली पालन और पशुपालन व डेरी राज्यमंत्री संजीव बाल्यान और प्रताप चंद्र सारंगी भी बतौर विशिष्ट अतिथि मौजूद थे। संजीव बाल्यान ने कहा कि किसानों की आमदनी दोगुनी मछली पालन और पशुपालन के बिना नहीं हो सकता है और इन दोनों क्षेत्रों में वृद्धि की काफी संभावनाएं हैं।

उन्होंने कहा कि उत्तर भारत के तालाबों का उपयोग अगर मछली पालन के लिए किया जाए तो देश में मछली का उत्पादन बढ़ जाएगा।

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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