उत्तर प्रदेश : बरेली में मासूम बच्ची से हैवानियत, दुष्कर्म के बाद आरोपी ने फाड़ा पेट

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12 Year Old Girl Repaed In Delhi

नाबालिगों के साथ अपराध की धटनाओं मे लगातार इजाफा हो रहा है। ताजा मामला उत्तर प्रदेश के बरेली से सामने आया है जहां फतेहगंज पूर्वी इलाके में घर में खेल रही चार साल की बच्ची से उसके ही ताऊ ने दुष्कर्म किया। खून बहने और बच्ची के चीखने पर आरोपी ने हत्या के इरादे से उसका पेट हंसिया से फाड़ डाला। बच्ची की चीखें सुनकर आसपास के लोग वहां आ गए मामले की सूचना पर फतेहगंज पूर्वी पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। बच्ची को महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

खबरों के अनुसार बच्ची की मां ने बताया कि उसका पति खेत पर था और वह घर के अंदर काम कर रही थी। इसी दौरान जेठ ग्वाला प्रसाद घर में घुस आया। उसने महिला के साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की। उसका हाथ पकड़कर कमरे में खींचा। महिला अपना हाथ छुड़ाकर कंडे पाथने के लिए बाहर निकल गई। उसकी चार साल की बच्ची घर में खेल रही थी। ग्वाला प्रसाद बच्ची को बहला फुसलाकर कमरे में ले गया। उसने बच्ची से दुष्कर्म किया। मासूम की चीखें सुनकर आस-पास के लोग मौके पर पहुंच गए। पकड़े जाने के डर से आरोपी ने हसिए से बच्ची का पेट फाड़ डाला। पड़ोसियों ने बच्ची के माता-पिता को घटना की जानकारी दी। बच्ची खून से लथपथ हो गई। बच्ची को बरेली के महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। मेडिकल रिपोर्ट में भी बच्ची से दुष्कर्म की पुष्टि हुई है। फतेहगंज पूर्वी पुलिस ने आरोपी ग्वाला प्रसाद के खिलाफ दुष्कर्म, जानलेवा हमला करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया।


डॉक्टर ने किया भर्ती से इनकार

हिंदुस्तान की खबर के मुताबिक इस दिल दहलाने वाली घटना के बाद बच्ची को मेडिकल के लिए महिला अस्पताल लाया गया। उस वक्त थाने का एक दरोगा भी साथ में था। बाद में दरोगा पीड़ित परिवार को अस्पताल में छोड़कर कहीं चला गया। ऐसे में महिला डॉक्टर ने बच्ची को अस्पताल में भर्ती करने से मना कर दिया। इसके बाद परिवार डॉक्टर के सामने हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाने लगा। इसी बीच महिला अस्पताल की सीएमएस डॉ. अलका शर्मा पहुंच गई। सीएमएस की फटकार के बाद महिला डॉक्टर ने बच्ची को अस्पताल में भर्ती कर लिया।

आपको बता दें कि, अब बच्ची की हालत खतरे से बाहर है। डॉक्टरों ने उसका इलाज शुरू कर दिया है। लेकिन ऐसी वारदातें समाज की मानसिकता पर एक बड़ा सवालिया-निशान तो लगा ही देती हैं साथ ही पुलिस व्यवस्था और प्रशासन पर कई सवाल खड़े करती हैं।


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