मोदी के सस्ते राफेल, जल्द आपूर्ति के दावे का पर्दाफाश : राहुल

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नई दिल्ली, 13 फरवरी (आईएएनएस)| कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भारतीय वार्ताकार दल के विशेषज्ञों की रपट का जिक्र करते हुए बुधवार को कहा कि इस मामले में सरकार के दो बड़े दावों -सस्ता सौदा और विमान की जल्द आपूर्ति- का पर्दाफाश हो गया है।

राहुल ने कहा, “विमान सौदे के लिए नरेंद्र मोदी सरकार के दो स्तंभ, सस्ता सौदा और जल्द आपूर्ति दोनों धराशायी हो गए हैं।”


राहुल ने 59,000 करोड़ रुपये के राफेल विमान सौदे में कैग की रपट को भी खारिज कर दिया है, जिसमें कहा गया है कि राजग सरकार द्वारा 2016 में किया गया सौदा पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के 126 विमानों के सौदे से 2.86 प्रतिशत सस्ता है।

राहुल ने कहा, “वार्ताकार दल के विशेषज्ञों ने कहा है कि राफेल बनाने वाली दसॉ एविएशन के पास 83 विमानों का बैकलॉग है और इसके पास केवल प्रतिवर्ष 11 विमान बनाने की क्षमता है। उसे अपना बैकलॉग समाप्त करने में आठ वर्ष का समय लगेगा।”

राहुल ने कहा, “इसलिए, भारत को संप्रग सौदे में प्रस्तावित समय से काफी देरी के बाद पहला विमान मिलेगा। इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी कहा है कि फ्रांस की तरफ से पेशकश की गई कीमत, वार्ताकार दल द्वारा तय की गई बेंचमार्क कीमत से 55.6 प्रतिशत अधिक है।”


कैग की रपट को खारिज करते हुए, राहुल ने कहा कि राष्ट्रीय लेखा परीक्षक ने यह स्वीकार किया है कि प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के साथ भारत-विशिष्ट संवर्धित 126 विमान, नए सौदे के मुताबिक बिना प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण के कुल कीमत से सस्ते थे।

राहुल ने कहा, “संप्रग के सौदे में, प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण के साथ भारत-विशिष्ट संवर्धित 126 विमानों की कीमत प्रति विमान 111.1 लाख यूरो थी, लेकिन मोदी के सौदे में, बिना प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के कीमत 361.1 लाख यूरो प्रति विमान है। यही पर सारे भ्रष्टाचार हुए हैं।”

सौदे में मोदी की निजी संलिप्तता को दोहराते हुए राहुल ने कहा, “राफेल मुद्दा लोगों के दिमाग में ऐसे घुस गया है कि जैसे ही कोई ‘चौकीदार’ कहता है, अगला शब्द दिमाग में आता है ‘चोर है’।”

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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