मप्र का ‘किसान कर्ज घोटाला’ पटना में गूंजा

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 भोपाल, 3 फरवरी (आईएएनएस)| मध्यप्रदेश में ‘जय किसान ऋण माफी योजना’ का लाभ देने के लिए कर्जदार किसानों की सूची जारी होने और फॉर्म भरवाए जाने के दौरान सामने आ रही गड़बड़ियों से पूर्ववर्ती शासन में बड़े घोटाले होने का खुलासा हो रहा है।

  मुख्यमंत्री कमलनाथ ने यह मसला रविवार को बिहार के पटना में आयोजित कांग्रेस की जन आकांक्षा रैली में उठाया। राज्य में सत्ता बदलाव के बाद कांग्रेस ने चुनाव के दौरान किए गए वादे को पूरा करते हुए 15 जनवरी से कर्जमाफी आवदेन (फॉर्म) भरने का सिलसिला चल रहा है। इस दौरान बड़े मामले ऐसे आए हैं, जिनसे पता चलता है कि जिन किसानों ने कर्ज नहीं लिया, उन्हें कर्जदार बना दिया गया है। वहीं जिन किसानों की वर्षो पहले मौत हो चुकी है, वे भी कर्जदार हैं।


भोपाल में जारी की गई विज्ञप्ति में बताया गया है कि राज्य के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पटना में हुई जन आकांक्षा रैली में रविवार को किसान कर्जमाफी की प्रक्रिया के दौरान आ रही गड़बड़ी का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भाजपा राज में मध्यप्रदेश बलात्कार में नंबर वन था, बेरोजगारी में नंबर वन था, किसानों की आत्महत्या में नंबर वन था और महिलाओं पर अत्याचार में नंबर वन था। प्रदेश की भोली-भाली, सहज-सरल स्वभाव की जनता ने जब यह सच्चाई जानी तो उन्होंने 15 साल के भाजपा शासन को नकार दिया और उन्हें घर बैठा दिया।

मुख्यमंत्री नाथ ने प्रधानमंत्री मोदी पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को पहले असलियत जानना चाहिए। मध्यप्रदेश में कर्जमाफी में घोटाला नहीं हुआ, बल्कि भाजपा की सरकार में किसानों के नाम पर ऋण लेने में बड़ा घोटाला हुआ है। भाजपा राज में किसानों को कर्ज देने में जो घोटाला किया गया है, उसका बड़ा खुलासा वर्तमान सरकार करेगी।

कमलनाथ ने पिछले दिनों भोपाल में दावा किया था कि राज्य में किसान कर्ज के नाम पर 3000 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है, जो कर्जमाफी के आवेदन भरवाए जाने के दौरान सामने आया है।


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