मप्र में 1000 गौशालाएं खोलने का लक्ष्य

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भोपाल, 30 जनवरी (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश में आगामी चार माह में सरकार ने 1000 गौ-शौलाएं खोलने का लक्ष्य तय किया है। इन गौशालाओं में लगभग एक लाख निराश्रित गौवंश (गाय) को रखा जाएगा।

कांग्रेस ने सत्ता में आने से पहले विधानसभा चुनाव के दौरान हर ग्राम पंचायत में गौशाला खोलने का ऐलान किया था। सरकार ने गौशाला खोलने की प्रतिबद्धता पर अमल करने की कवायद शुरू कर दी है। इसी के तहत मंगलवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंत्रालय में अधिकारियों के साथ बैठक कर गौशालाएं खेलने का फैसला लिया। ग्रामीण विकास विभाग को गौशाला परियोजना का नोडल विभाग बनाया गया है। ग्राम पंचायत, स्व-सहायता समूह, राज्य गौ-संवर्धन बोर्ड से संबद्घ संस्थाएं एवं जिला समिति द्वारा चयनित संस्थाएं गौशाला परियोजना का क्रियान्वयन करेंगी।


आधिकारिक तौर पर मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री ने निजी संस्थाओं से भी इस परियोजना में हिस्सेदारी का आग्रह किया है ताकि गौ-शालाओं का बेहतर तरीके से संचालन किया जा सके। ज्ञात हो कि राज्य के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में घूमने वाली आवारा गायों के कारण बड़े पैमाने पर नुकसान हो रहा है। सरकार का मानना है कि गौशालाओं के खुलने से नुकसान को रोकने के साथ ही निराश्रित पशुओं को आश्रय भी मिलेगा।

बताया गया है कि प्रदेश में 614 गौशालाएं हैं जो निजी क्षेत्र में संचालित हैं। वर्तमान में एक भी शासकीय गौशाला संचालित नहीं है। इस गौशाला परियोजना के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति बनेगी। विकासखंड स्तर की समिति में अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व (एसडीएम) अध्यक्ष होंगे। इन गौशाला में शेड, ट्यूबवेल, चारागाह विकास, बायोगैस प्लांट आदि व्यवस्थाएं होंगी।

 


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