मप्र में निवेश की नई इबारत लिखने की मुंबई से शुरुआत

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 भोपाल, 8 अगस्त (आईएएनएस)| मध्यप्रदेश में सत्ता हासिल करने के बाद निवेश को बढ़ाने के लिए बनाए गए रोडमैप पर बढ़ रही सरकार ने अब इसे अमलीजामा पहनाने का सिलसिला तेज कर दिया है, इसी क्रम में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुंबई का दौरा कर देश के प्रमुख औद्योगिक घरानों से बातचीत की की है।

 तमाम उद्योगपतियों से संवाद कर उन्हें राज्य की नई निवेश नीति से अवगत तो कराया ही, साथ में उनके सुझावों को भी जाना। राज्य का औद्योगिक विकास एक बड़ी समस्या रही है, यही कारण है कि राज्य में गैर सरकारी रोजगारों के अवसर विकसित नहीं हो पाए हैं। पूर्ववर्ती सरकार ने राज्य में निवेश लाने के हर संभव प्रयास किए, तमाम तरह की इंवेस्टर्स समिट आयोजित की, लाखों करोड़ों के करारनामें (एमओयू) होने की बात सामने आई, मगर जमीनी धरातल पर वह नजर नहीं आया, जिसकी सभी उम्मीद लगाए हुए थे।


भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार लगभग डेढ़ दशक सत्ता में रही। उसके बाद कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद एक बार फिर निवेश की कोशिशें तेज हुई हैं। मुख्यमंत्री कमलनाथ की खुद पहचान उद्योगपति और उद्योगपतियों के मित्र के तौर पर है। विपक्षी दल भी कमलनाथ को ‘उद्योगपति’ कहकर तंज कसते हैं। कमलनाथ स्वयं के उद्योगपतियों से संबंध स्वीकारने में भी गुरेज नहीं करते।

कमलनाथ ने आईएएनएस से चर्चा के दौरान माना भी था कि “उनके उद्योगपतियों से संबंध, परिचय है, इसे वे बुरा भी नहीं मानते, क्योंकि वे अपने संबंधों के जरिए ही उद्योगपतियों को राज्य में निवेश के लिए लाना चाहते हैं। साथ ही उद्योगपतियों में वह भरोसा भी पैदा करना चाहते हैं, जिसके जरिए वे राज्य में निवेश के लिए तैयार हों।”

एक तरफ निवेश बढ़े और स्थानीय लोगों को रोजगार मिले, इस बात पर कमलनाथ पहले ही जोर दे चुके हैं। इसके मुताबिक, राज्य में उद्योग स्थापित करने वालों को 70 प्रतिशत स्थानीय लोगों को रोजगार देना होगा। वहीं, हर जिले की जरूरतों को ध्यान में रखकर निवेश नीति तैयार की जा रही है। इसी नई निवेश नीति को लेकर कमलनाथ देश के बड़े उद्योगपतियों से चर्चा के लिए मुंबई का दौरा किया। साथ ही उनके सुझाव भी लिए।


राज्य की सरकार के अब तक के निवेशकों के लिए किए गए प्रयासों पर गौर करे तो पता चलता है कि राज्य सरकार द्वारा निवेशकों की समस्याएं जानने और उनके निराकरण के लिए आवश्यक कदम उठाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसी साल फरवरी माह में भी मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राजधानी के मिंटो हॉल में देश के कई हिस्सों के उद्योगपतियों के साथ राउंड टेबिल बैठक की थी।

इस बैठक में मुख्यमंत्री ने निवेशकों की समस्याओं को जाना। निवेशकों ने पूर्ववर्ती सरकार के कई फैसलों पर सवाल भी उठाए थे। यह उद्योगपतियों के साथ पहली बैठक थी। इसमें एचईजी ग्रुप के चेयरमैन रवि झुनझुनवाला, वेलस्पन ग्रुप के चेयरमैन वी के गोयनका, पिनाकेल कंपनी के चेयरमैन सुधीर मेहता, फार्मास्यूटिकल लिमिटेड के डायरेक्टर आर.के. गुप्ता ने परिवहन के महंगा होने, पर्यावरण की मंजूरी मिलने में देरी, प्रदूषण विभाग के असहयोग का मसला उठाया था।

पहले भोपाल में निवेशकों से संवाद और उसके बाद मुंबई प्रवास के दौरान निवेषकों को राज्य में निवेश के लिए आमंत्रित करने को राज्य में निवेश की दिशा में नई इबारत लिखे जाने की पहल के तौर पर देखा जा रहा है।

कमलनाथ बुधवार रात को मुंबई पहुंचे, जहां उन्होंने रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन मुकेश अंबानी से संवाद किया, वे गुरुवार को कई अन्य निवेशकों से मिले। औद्योगीकरण की दिशा में चल रहे प्रयासों के क्रम में इससे पहले राज्य सरकार के स्थानीय उत्पादों को पहचान दिलाने के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ब्रांडिग करने का फैसला पहले ही कर चुकी है।

कमलनाथ की अपने मुंबई प्रवास के दौरान रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन मुकेश अंबानी, बिरला ग्रुप के कुमार मंगलम, टाटा ग्रुप के चंद्रशेखर, महिद्रा एंड महिद्रा ग्रुप के पवन गोयनका, टाटा पावर के प्रवीर सिन्हा, ग्रेसिम के दिलीप गौर, आऱ पी.जी़ ग्रुप के हर्ष गोयनका, एसीसी सीमेंट के दिलीप अखूरी, अहिल्या हेरीटेज होटल्स के यशवंत होलकर एवं नरसी मुंजी के अमरीश पटेल से वन-टू-वन चर्चा के अलावा अन्य उद्योगपतियों से राउंड टेबिल चर्चा भी निर्धारित कार्यक्रम में शामिल रही।

सूत्रों का दावा है कि कमलनाथ की देश के प्रमुख उद्योगपतियों से निवेश को लेकर गंभीर चर्चा हुई है। निवेश के लिए शुरु हुए प्रयास सफल होते हैं तो राज्य की माली हालत में सुधार के साथ नई पीढ़ी को रोजगार के बेहतर अवसर भी उपलब्ध हो सकेंगे।

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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