मराठी फिल्में कंटेंट से प्रेरित होती हैं, लोग अब नोटिस करते हैं: नीना कुलकर्णी

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मुंबई, 5 अप्रैल (आईएएनएस) थिएटर, फिल्म, टेलीविजन और ओटीटी में संतुलन बनाकर चलने वाली दिग्गज अभिनेत्री नीना कुलकर्णी को लगता है कि यह काफी अच्छी बात है कि क्षेत्रीय सिनेमा की पहुंच अब दर्शकों की बड़ी संख्या तक है। उनका मानना है कि क्षेत्रीय सिनेमा खास कर मराठी सिनेमा हमेशा अपने कंटेंट के लिए जाना जाता है।

नीना ने आईएएनएस से कहा, “मराठी फिल्में, कहानी और स्टोरीटेलिंग में प्रयोग से हमेशा आगे रहती हैं। हालिया सालों में फिल्मों में और बजट में वृद्धि हुई है। मराठी थियेटर हमेशा से बहुत समृद्ध रहा है, ऐसे में वहां कंटेंट की कभी कमी नहीं रही थी। अब बात सिर्फ इतनी सी है कि लोग अब नोटिस करने लगे हैं, जो पहले नहीं करते थे। मैं कई दशकों से मराठी थिएटर और फिल्में कर रही हूं। हमारे लिए तब थिएटर के बाद अगला कदम फिल्मों की ओर था न कि टीवी की ओर। अब, हम वेब सीरीज में भी दिलचस्प कहानियां एक्सप्लोर कर रहे हैं।”


नीना ने ‘फिर भी दिल है हिंदुस्तानी’, ‘नायक: द रियल हीरो’, ‘हंगामा’, ‘पहेली’, ‘हंसी तो फंसी’ जैसी हिंदी फिल्में और ‘शेवरी’, ‘गंधा’, ‘मोगरा फुलाला’, ‘कुलकर्णी चौकातला देशपांडेय’ जैसी मराठी फिल्मों में काम किया है।

इस साल की शुरुआत में उन्हें लघु फिल्म ‘देवी में देखा गया था, जो विभिन्न पीढ़ियों के दुष्कर्म पीड़ितों की कहानी को दशार्ती है। इस फिल्म में काजोल, श्रुति हासन और नेहा धूपिया भी थीं।

उन्होंने कहा, “हालांकि मैंने कई हिंदी फिल्मों में काम किया है, लेकिन बीते दो सालों में मैंने किसी भी (हिंदी फिल्म) में काम नहीं किया, क्योंकि मुझे मराठी (फिल्मों) में अधिक दिलचस्प भूमिकाएं मिल रही हैं। मैंने देखा है कि कैसे इन दिनों लोग मैसेज ओरिएंटेड फिल्में बनाते हैं। यह एक सकारात्मक बदलाव है और मैं इसकी सराहना करती हूं, लेकिन हमें सरल कहानियों से दूर नहीं जाना चाहिए।”


 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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