बीजिंग, 1 जुलाई (आईएएनएस)| चीन के ताल्येन शहर में आयोजित विश्व आर्थिक मंच के 2019 वार्षिक सम्मेलन में भारतीय मेहमानों ने कहा कि नए विज्ञान व तकनीक सहयोग से चीन-भारत संबंधों के विकास का मौका मिलेगा। इस बार वार्षिक सम्मेलन का मुद्दा था नेतृत्व शक्ति 4.0 : भूमंडलीकरण के नए युग में सफलता का रास्ता। इस दौरान उद्घाटन समारोह, उद्यमियों के संवाद, व्यावसायिक शाखा मंच, बंद द्वार सम्मेलन और समापन समारोह आदि 200 से अधिक गतिविधियों का आयोजन होगा। विश्व के लगभग 100 देशों व क्षेत्रों के 2000 से अधिक प्रतिनिधियों ने इसमें भाग लिया।
भारत के एससीए ग्रुप की निदेशक भैरावी जानी ने कहा कि इस बार के सम्मेलन में वह चौथे औद्योगिक क्रांति में उच्च व नवीन तकनीकों के प्रयोग और नए उद्योग के विकास पर ध्यान देती हैं, और भारत इससे सहयोग ढूंढ़ सकता है।
भारत के टेक महिंद्रा के वैश्विक सृजन प्रधान निखिल मल्होत्रा ने कहा, “तीन क्षेत्रों में भारत व चीन के सहयोग बहुत आवश्यक हैं। पहले, विनिर्माण पक्ष में चीन भारत को कुछ तकनीकी समर्थन दे सकता है। दूसरे, नवीन तकनीक में उदाहरण के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता, रोबोट आदि में चीन व भारत के आदान-प्रदान व सहयोग से दोनों देशों के समान विकास को मौका मिलेगा। बुनियादी सुविधाओं के निर्माण के पक्ष में भारत चीन के साथ सहयोग को मजबूत करना चाहता है।”
(साभार-चाइना रेडियो इंटरनेशनल, पेइचिंग)