सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) को विज्ञान और धर्म, दोनों में काफी महत्व दिया जाता है। विज्ञान में जहां यह एक सच्ची खगोलीय घटना है। वहीं, इसका वर्णन शास्त्रों में भी किया गया है। आज इस साल का दूसरा सूर्य ग्रहण है। यह ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा।
सूर्य ग्रहण को देखने के लिए लोगों में काफी उत्सुकता रहती है। लोग इसे देखने की कोशिश करते हैं, लेकिन इसे देखते हुए आंखों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। दुनिया भर कई वैज्ञानिक सूर्य ग्रहण देखते समय कई तरह की सावधानी बरतने की सलाह देते हैं। जरूरी है कि कुछ बातों का खास ध्यान रखा जाए। आइये आपको बताते हैं सूर्य ग्रहण देखते हुए किन बातों का ध्यान रखें।
किन तरीकों से न देखें सूर्य ग्रहण?
पानी में सूर्य की छवि: ग्रहण के दौरान लोग अक्सर कुछ गलतियां कर बैठते हैं, जिससे उनकी आंखों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए जरूरी है कि सुरक्षित तरीकों को आजमाया जाए। इसे देखने के लिए लोग पानी का इस्तेमाल करते हैं। वे पानी में सूरज की छवि देखते हैं, लेकिन यह सुरक्षित तरीका नहीं है। ऐसा करने से आंखों की रोशनी तक जा सकती है। इसके साथ ही पानी में हल्दी या दूध डाल कर भी सूर्य ग्रहण नहीं देखना चाहिए।
अल्ट्रावॉयलेट ग्लासेस: कई लोग सूर्य ग्रहण देखने के लिए अल्ट्रावॉयलेट ग्लासेस (UV Glasses) का प्रयोग करते हैं, लेकिन ऐसा करना सुरक्षित नहीं है। इससे सूर्य की किरणों की तीव्रता इतनी भी कम नहीं होती कि सूर्य ग्रहण को देखा जा सके।
दूरबीन में सूर्य ग्रहण: दूरबीन के माध्यम से भी सूर्य ग्रहण को नहीं देखना चाहिए। इससे आंखों को काफी नुकसान हो सकता है।
विज्ञान के अनुसार ब्रह्मांड में सभी ग्रह और उपग्रह गति करते हैं। उपग्रह ग्रह की प्रक्रिमा करते हैं और ग्रह सूर्य की। इसी चक्र के फलस्वरूप ग्रहण लगता है। सूर्य ग्रहण तब होता है, जब पृथ्वी और सूर्य के बीच चंद्रमा आ जाता है। इसे पृथ्वी पर सूर्य की रौशनी पूरी तरह नहीं पहुंच पाती और एक छाया सी पड़ जाती है। धर्म में भी इसके बारे में कई रोचक गाथाएं बताई गई हैं।