इलाहाबाद कुम्भ मेले के बाद जमा कचरा बड़ी परेशानी का कारण बन रहा है। राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने इस मुद्दे पर उत्तर प्रदेश सरकार को उचित कदम उठाने के निर्देश जारी किए हैं।
ख़बरों के अनुसार, एनजीटी ने बयान जारी किया है, जिसमें उन्होंने बसवार सॉलिड वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट में तकरीबन 60 हज़ार मिट्रिक टन ठोस कचरा जमा होने की बात कही है। बताया जा रहा है कि इसमें से तकरीबन 18 हज़ार मिट्रिक टन कचरा कुंभ से जमा हुआ है। बता दें कि बसवार सॉलिड वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट सिंतबर 2018 से ही बंद पड़ा है।
एनजीटी ने चिंता जताते हुए कहा कि ‘कचरे से बुखार, वायरल हेपेटाइटिस, डायरिया और कॉलरा की बीमारी के फैलने का खतरा है। महामारी से बचने के लिए तुरंत एक्शन लिए जाने की ज़रुरत है।’ उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को निर्देश देते हुए एनजीटी ने इलाहाबाद में कुंभ मेले से जमा हुए ठोस कचरे को निपटाने के लिए तुरंत एक्शन लेने को कहा है।
एनजीटी अध्यक्ष जस्टिस आदर्श कुमार गोयल के नेतृत्व वाली बैंच ने कहा, ‘इस मामले में ज़मीनी स्तर पर जवाबदेही तय की जानी चाहिए तथा वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा व्यक्तिगत निरीक्षण तय किया जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि ‘क्षेत्र में स्थिति ख़तरनाक है और इससे तुरंत निपटने की आवश्यकता है, जिससे कि महामारियों को फैलने से रोका जा सके।’
एनजीटी ने जस्टिस अरुण टंडन की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट पर एक्शन लेते हुए ये निर्देश जारी किये, जिसमें इलाहाबाद के अरैल क्षेत्र में नदी के बहुत नज़दीक बड़ी संख्या में शौचालय का निर्माण कराये जाने की बात कही गयी थी। रिपोर्ट में कहा गया कि ‘राजापुर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में उसकी क्षमता से ज़्यादा दूषित जल पहुंचा है। जहाँ सिर्फ़ 50 प्रतिशत गंदे पानी का ही शोधन हो पा रहा है, बाकी 50 प्रतिशत गंदा पानी गंगा में छोड़ा जा रहा है। वहीँ सलोरी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में भी उसकी क्षमता से ज़्यादा गंदा पानी पहुंच रहा है और इसका पानी भी गंगा में जा रहा है।’
एनजीटी ने यह काम 26 अप्रैल तक करने के आदेश दिए हैं। उस दिन उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव के एनजीटी के समक्ष पेश हो सकते हैं। इससे पहले भी एनजीटी ने उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को इलाहाबाद में कुंभ मेले के दौरान पर्यावरण पर नज़र रखने का निर्देश दिए थे। एनजीटी ने कहा था कि ‘जिस तरह से बहुत बड़े पैमाने पर यह धार्मिक कार्यक्रम हो रहा है। उसी तरह से लोगों को शिक्षित कर कचरे का उचित निस्तारण भी किया जाना चाहिए।’