निजी बसों में श्रमिकों को फोकट में बिहार ले जाने का भंडाफोड़

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गौतमबुद्ध नगर, 8 मई (आईएएनएस)। यहां थाना फेस-2 पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो, पलायन कर रहे श्रमिकों को निजी बसों में भरकर फोकट में बिहार ले जाने की कोशिश में थे। इतना ही नहीं यह ठग निजी बसों को सरकारी बसें बता रहे थे। लॉकडाउन के दौरान देश में इस तरह की जालसाजी का अपने आप में यह पहला मामला माना जा रहा है।

जिला पुलिस कमिश्नर कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक गिरफ्तार जालसाजों का नाम वकील खां (बस चालक) और राशिद है। घटनाक्रम के मुताबिक, “थाना फेस-2 नोएडा के पास स्थित भंगेल दादरी सूरजपुर रोड पर दो प्राइवेंट बसें खड़ी थीं। दोनों बसों पर हरियाणा का पंजीकरण नंबर था। राशिद और वकील खां बसे के पास खड़े आवाज लगा रहे थे। गिरफ्तार दोनों आरोपी बसों के पास मौजूद श्रमिकों से कह रहे थे कि, यह बसें बिहार के लिए फ्री सेवा है, जबकि चोरी छिपे यह दोनों सवारियों से तीन हजार रुपये प्रति सवारी वसूल भी रहे थे।”


पुलिस के मुताबिक, “काफी सवारियां बस के अंदर जाकर बैठ भी चुकी थीं। बसों के आगे पीछे कपड़े पर लिखे बैनर लगे थे। इन बैनर पर लिखा था यह बसें निशुल्क नोएडा से बिहार के लिए श्रमिक लेकर भेजी जा रही हैं।” जानकारी के मुताबिक पुलिस ने जब आवाज लगाने वालों से कर्फ्यू पास मांगा तो एक शख्स ने मोबाइल में मौजूद सिवान जिलाधिकारी द्वारा जारी पास दिखा दिया। पास की ओरिजनल कापी जब वो बस के अंदर से लेने गया, तो वहीं से फरार हो गया।

पकड़े गये ड्राइवरों ने बाद में बताया कि मोनू नाम का शख्स इन बसों का मालिक था। जो तीन तीन हजार रुपये में श्रमिकों को बिहार ले जाने के लिए बसें लेकर नोएडा आया था। पुलिस ने फरार आरोपी मोनू का मोबाइल जब्त कर लिया है। पुलिस ने जिलाधिकारी सिवान से कर्फ्यू पास जारी करने के बारे में पूछा तो उन्होंने ऐसी कोई जानकारी होने से इंकार कर दिया। पुलिस के मुताबिक ठग बस मालिक ने पुलिस और अनपढ़ गरीब श्रमिकों को झांसे में लेने के लिए कपड़े के बैनरों पर लिखा था कि बिहार सरकार द्वारा यह बस सेवा निशुल्क तैयार की गयी है।

—आईएएनएस


(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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