निर्यात को बढ़ावा देने के लिए 50000 करोड़ की योजना का ऐलान (लीड-1)

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नई दिल्ली, 14 सितंबर (आईएएनएस)| केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को निर्यात को बढ़ावा देने के मकसद से नई योजना का ऐलान किया, जिस पर 50,000 करोड़ रुपये का खर्च होगा। यहां एक प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए वित्तमंत्री ने बताया कि मौजूदा मर्चेटाइज एक्पोर्ट फ्रॉम इंडिया स्कीम (एमईआईएस) की जगह रीमिशन ऑफ ड्यूटीज फॉर एक्सपोर्ट प्रोडक्ट्स (आरओडीटीईपी) अर्थात निर्यात उत्पादों पर शुल्क में छूट की योजना लाई गई है।

उन्होंने बताया कि आरओडीटीईपी लागू करने से सरकारी खजाने पर 50,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।


आरओडीटीईपी की योजना मौजूदा एमईआईएस की जगह लेगी।

वित्तमंत्री ने एमएसएमई के लिए इंटेरेस्ट इक्वलाइजेशन रेट यानी समान ब्याज दर तीन फीसदी से घटा कर पांच फीसदी कर दिया। उन्होंने कहा कि प्रक्रिया संबंधी छोटी चूक व छोटे करदाताओं को अभियुक्त नहीं बनाया जाएगा।

सीतारमण ने कहा कि करदाताओं के साथ सभी प्रकार के संचार प्रौद्योगिकी के माध्यम से किया जाएगा।


उनहोंने कहा कि पीएसयू बैंकों द्वारा प्रमुख ब्याज दरों में कटौती का हस्तांरण किया जा रहा है और वह 19 सितंबर को इन बैंकों के प्रमुखों से मिलकर साख प्रवाह पर चर्चा करेंगी। साथ ही, उच्च दर वाली एनबीएफसी संपत्तियों की खरीद के लिए पीएसयू बैंकों के लिए आंशित ऋण योजना की प्रगति पर भी चर्चा होगी।

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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