ओलम्पिक क्वालीफायर की बाधा पार करना अगला लक्ष्य : लवलिना

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नई दिल्ली, 17 अक्टूबर (आईएएनएस)| रूस में आयोजित विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाली भारत की महिला मुक्केबाज लवलिना बोरगोहेन का सेमीफाइनल मुकाबला निराशा भरा था क्योंकि उनके और प्रशिक्षकों के मुताबिक वह मुकाबला जीती हुई थीं, लेकिन जजों ने उनके खिलाफ फैसला दिया। भारत ने इस पर अपना विरोध भी जताया था लेकिन उनकी अपील को नियमों का हवाला देकर खारिज कर दिया गया था।

लवलिना उस फैसले से निरााश तो थीं लेकिन अब वह उसे याद नहीं करना चाहतीं क्योंकि अब उनका ध्यान आने वाले ओलम्पिक क्वालीफायर टूर्नामेंट्स में बेहतर करने और अगले साल टोक्यो में होने वाले ओलम्पिक खेलों का टिकट हासिल करने पर है।


भारत लौटने के बाद लवलिना ने आईएएनएस से कहा, “मेरी यह दूसरी विश्व चैम्पियनशिप थी। मैं कांस्य पदक से खुश हूं। सेमीफाइनल में मुकाबला काफी करीबी था। मेरे हिसाब से मैं जीती हुई थी। सभी ने कहा कि मैं जीती हुई थी, लेकिन जजों का फैसला कुछ और था। अब जो हुआ सो हुआ। अब क्वालीफिकेशन टूर्नामेंट की तैयारी करनी है। अपनी कमियों पर काम करना है।”

लवलिना को 69 किलोग्राम भारवर्ग के सेमीफाइनल में चीन की यांग लियू के खिलाफ करीबी मुकाबले में 2-3 से हार झेलनी पड़ी। इसके बाद भारत ने येलो कार्ड प्रोटेस्ट किया था, लेकिन टैक्निकल ऑब्र्जवर ने भारत की अपील को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि जजों के फैसलों में निरंतरता है, ऐसे में अपील पर सुनवाई नहीं हो सकती।

लवलिना से जब फैसले से निराशा का कारण पूछा गया तो उन्होंने कहा, “2-3 के परिणाम से मैं खुश नहीं थी क्योंकि मेरे हिसाब से और कोचों के हिसाब से भी मैं पहले राउंड में जीती हुई थी। हमने प्रोटेस्ट भी किया था लेकिन वो मंजूर नहीं हुआ। मैंने उस पर अटैक ज्यादा किया था। मेरे पंच भी सही लग रहे थे। पहले राउंड में तो उसके पंच मुझे लग ही नहीं रहे थे, मेरे ही पंच उसे लग रहे थे।”


लवलिना ने कहा, “जब हमने प्रोटेस्ट किया तो वो लोग बात को टाल रहे थे और कह रहे थे कि अब कुछ नहीं होगा।”

लवलिना अब अपने प्रशिक्षकों के साथ बैठकर आगे की रणनीति बनाने पर काम करेंगी। वह हालांकि अपनी ट्रेनिंग में किसी तरह का बदलाव तो नहीं करेंगे लेकिन अगर कुछ चीजें शामिल करने की जरूरत पड़ी तो वह पीछे नहीं हटेंगी।

लवलिना ने कहा, “ओलम्पिक क्वालीफायर में दबाव तो रहेगा, लेकिन इसके बारे में ज्यादा सोचूंगी तो खेल नहीं पाऊंगी। ज्यादा दबाव लेने से परेशानी ही होगी। मैं अपने दिमाग को फ्री रखना है आगे जो होगा देखा जाएगा।”

असम की रहने वाली इस मुक्केबाज ने कहा, “ट्रेनिंग में बदलाव करने की कोशिश नहीं करूंगी। हां, कुछ अगर जोड़ने की जरूरत पड़ी तो बिल्कुल करूंगी लेकिन जो करती आ रही हूं, उसमें बदलाव नहीं करूंगी क्योंकि क्वालीफायर के लिए ज्यादा समय भी नहीं।”

लवलिना ने पिछले साल भी भारत में आयोजित विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता था। अपने खेल पर कहां काम करना है इस पर लवलिना ने कहा कि वह ओवर ऑल अपने खेल पर काम करना चाहती हैं।

उन्होंने कहा, “मुझे अपने खेल पर ओवरऑल काम करना है क्योंकि हर खिलाड़ी के खिलाफ अलग-अलग तरह से खेलना होता है, अलग रणनीति बनानी पड़ती है। इस बार भी मैंने अपने विपक्षी खिलाड़ियों को देखा था कि इनके खिलाफ कैसे खेलना है।”

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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