पाकिस्तान : अहमदिया समुदाय के धर्मस्थल में तोड़फोड़ का आरोप

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बहावलपुर, 28 अक्टूबर (आईएएनएस)| पाकिस्तान में गैर मुस्लिम करार दिए जा चुके अहमदिया समुदाय ने आरोप लगाया है कि उसके धर्मस्थल पर एक सहायक आयुक्त की निगरानी में तोड़फोड़ की गई है। जबकि, अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की है। पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के बहावलपुर के मुराद में हुई घटना के सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है जिनमें ‘दो अहमदिया व एक मुस्लिम हैं।’ अहमदिया लोगों को सरकारी कार्रवाई में बाधा डालने और मुस्लिम व्यक्ति को अहमदिया समुदाय के खिलाफ बैनर लगाने पर गिरफ्तार किया गया है।

जमाते अहमदिया पाकिस्तान के प्रवक्ता सलीमुद्दीन ने अपने ट्वीट में बताया कि 25 अक्टूबर को हासिलपुर के सहायक आयुक्त ने स्थानीय निकाय कर्मियों के साथ समुदाय के 70 साल पुराने धर्मस्थल पर धावा बोल दिया और भवन के एक हिस्से को तोड़ दिया। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने यह कार्रवाई बिना किसी पूर्व नोटिस के की।


हालांकि, सरकारी अधिकारियों ने कहा कि जिला शांति समिति के आदेश पर अतिक्रमण हटाने की यह कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि अहमदिया समुदाय ने अपने धर्मस्थल का एक हिस्सा सरकारी भूमि पर बना लिया था जिसका स्थानीय मुस्लिम विरोध कर रहे थे। कुछ तत्वों ने अहमदिया समुदाय के खिलाफ माहौल बनाना शुरू कर दिया और उनके खिलाफ बैनर लगाए जिस पर एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है।

प्रशासन का दावा है कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई का अहमदिया समुदाय के कुछ लोगों ने विरोध किया जिस पर समुदाय के दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

जमाते अहमदिया के प्रवक्ता ने अतिक्रमण के सराकारी दावों को पूरी तरह से गलत बताया। उन्होंने कहा कि जो भी निर्माण हुआ था, वह समुदाय की उस जमीन पर हुआ जो बीते कई दशकों से समुदाय के ही पास है। उन्होंने कहा कि जिन दो अहमदिया लोगों को गिरफ्तार किया गया है, वह तोड़फोड़ का वीडियो बना रहे थे। उन्होंने पूछा कि क्या सार्वजनिक स्थान की किसी चीज का वीडियो बनाना भी अब गैरकानूनी हो गया है?


सहायक आयुक्त ने इस आरोप को गलत बताया कि अहमदियाओं को निशाना बनाया गया है। उन्होंने कहा कि कोई भी अतिक्रमण करेगा, उस पर कार्रवाई होगी चाहे वह किसी भी धर्म संप्रदाय का हो।

अहमदिया खुद को मुस्लिम मानते हैं लेकिन मुस्लिम उनके कुछ धार्मिक विश्वासों के कारण उन्हें अपने धर्म का नहीं मानते। पाकिस्तान में काफी पहले ही अहमदिया समुदाय को कानूनी रूप से गैर मुस्लिम और अल्पसंख्यक घोषित किया जा चुका है। पाकिस्तान में इस समुदाय के मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोप लगातार लगते रहे हैं।

 

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