इस्लामाबाद, 12 जुलाई (आईएएनएस)| इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) ने शुक्रवार को एक वीडियो विवाद को लेकर पाकिस्तान के कानून मंत्रालय से न्यायाधीश अरशद मलिक को उनके पद से हटाने का अनुरोध किया।
डॉन न्यूज ने आईएचसी सूत्रों के हवाले से कहा कि आईएचसी के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक ने रजिस्ट्रार कार्यालय को निर्देश दिया कि वह न्यायाधीश मलिक को पद से हटाते हुए उन्हें उनके मूल विभाग, लाहौर उच्च न्यायालय में वापस भेजने के संबंध में मंत्रालय को एक पत्र लिखें।
जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार न्यायाधीश मलिक ने इससे पहले पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) की नेता मरियम नवाज के आरोपों का खंडन करते हुए आईएचसी को एक पत्र लिखा था। वीडियो में कथित रूप से दिख रहा है कि न्यायाधीश् मलिक पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ सबूतों की कमी को मान रहे हैं।
पिछले हफ्ते पार्टी ने एक वीडियो जारी किया था, जिसमें कथित तौर पर मलिक के साथ नसीर बट्ट, जो पीएमएल-एन कार्यकर्ता है, को दिखाया गया था। इसमें न्यायाधीश यह कहते बताए गए कि उन्हें सबूत न होने पर भी शरीफ को जेल की सजा दिलवाने के लिए मजबूर किया गया था।
सूत्रों ने कहा कि आईएचसी को सौंपे गए एक हलफनामे में मलिक ने वीडियो को सच्चाई से परे बताते हुए इसमें छेड़छाड़ होने की बात कही। उन्होंने वीडियो को मनघडं़त और उन्हें अपमानित करने के वाला बताया।
पिछले साल दिसंबर में अदालत ने अल-अजीजिया स्टील मिल्स के मामले में शरीफ को सात साल जेल की सजा सुनाई थी।