पाकिस्तान में 72 साल बाद खुले मंदिर में मनाई गई दिवाली

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 सियालकोट, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)| पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के सियालकोट शहर के हिंदू समुदाय के लिए इस बार की दिवाली कुछ और खास है।

 इसकी वजह यह है कि यहां के शवाला तेजा सिंह मंदिर में 72 साल बाद दिवाली मनाई गई। यह मंदिर 72 साल तक बंद रहने के बाद कुछ ही महीने पहले श्रद्धालुओं के लिए खोला गया है। पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, मंदिर में दिवाली मनाने के लिए शहर के हिंदू समुदाय ने खास इंतजाम किए। इस मौके पर विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया और पुनर्निर्माण के दौर से गुजर रहे मंदिर को इस मौके पर सजाया गया था।


यह मंदिर भारत विभाजन के समय, 1947 से ही बंद था। इवैक्युई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ईटीबीपी) ने कुछ महीने पहले इस मंदिर को खोलने का फैसला किया था। इसके जीर्णोद्धार का काम चल रहा है। और, अब सालों के बाद पहली बार मंदिर में दिवाली मनाई गई।

पंजाब ईटीबीपी के उप सचिव सैयद फराज अब्बास ने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान और ईटीबीपी चेयरमैन के निर्देश के बाद हिंदू और सिख धर्मस्थलों के जीर्णोद्धार का काम शुरू किया गया है। शावाला तेज सिंह मंदिर का खोला जाना इस बात का सबूत है कि इन धार्मिक समुदायों के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि लाहौर और रावलपिंडी के कृष्णा मंदिरों के साथ-साथ पेशावर, सिंध के सुक्कुर, कराची व अन्य इलाकों में दिवाली को मनाने के लिए सरकार ने बड़ी राशि सरकार ने जारी की है।


लाहौर स्थित कृष्णा मंदिर के पुजारी काशी राम ने कहा कि दिवाली हिंदू समुदाय का सबसे बड़ा पर्व है। इस अवसर पर समुदाय ने अपने घरों और मंदिरों को सजाया हुआ है।

पंजाब प्रांत के मानवाधिकार एवं अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री एजाज आलम ऑगस्टाइन ने दिवाली पर देश के हिंदू समुदाय को बधाई देते हुए कहा कि देश में चाहे कोई किसी भी धर्म को मानने वाला हो, सभी देश के समान नागरिक हैं और सभी को समान अधिकार प्राप्त हैं। उन्होंने कहा कि दिवाली का पर्व सुख समृद्धि का प्रतीक है।

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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