पाकिस्तान में प्रेस की आजादी संकट में, वरिष्ठ पत्रकार को रिहा किया जाए

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वियना (आस्ट्रिया), 17 अप्रैल (आईएएनएस)। प्रेस की आजादी के लिए वैश्विक स्तर पर सक्रिय संपादकों, मीडिया कार्यकारियों व पत्रकारों की अंतर्राष्ट्रीय संस्था इंटरनेशनल प्रेस इंस्टीट्यूट (आईपीआई) ने पाकिस्तान में प्रेस की आजादी के लगातार हनन पर चिंता जताई है। संस्था ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान को भेजे पत्र में मीडिया संस्थान जंग और जियो न्यूज के एडिटर-इन-चीफ शकील-उर-रहमान की तत्काल रिहाई की मांग की है।

पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट में यह जानकारी देते हुए बताया गया है कि आईपीआई के उप निदेशक स्कॉट ग्रिफिन ने इस सिलसिले में प्रधानमंत्री इमरान खान को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने कहा है कि रहमान को तीन दशक पुराने एक भूमि सौदे के मामले में राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो द्वारा गिरफ्तार किए हुए एक महीना हो चुका है।


पत्र में कहा गया है कि रहमान एक प्रतिष्ठित पत्रकार हैं और उनकी तबियत भी ठीक नहीं है, इसके बावजूद उन्हें जमानत नहीं मिल सकी है। यहां तक कि आरोपपत्र भी दायर नहीं किया गया है।

पत्र में कहा गया है कि पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग ने भी गिरफ्तारी की निंदा की है और साफ कहा है कि यह किसी को चुनकर उस पर निशाना साधने जैसा मामला लग रहा है।

ग्रिफिन ने इमरान को संबोधित करते हुए लिखा, “जब आप (खान) प्रधानमंत्री बने थे तो आशा की एक हल्की किरण दिखी थी कि शायद अब देश में स्वतंत्र मीडिया आजादी से काम कर सकेगी। लेकिन, हाल के समय के घटनाक्रम साफ बता रहे हैं कि पाकिस्तान में प्रेस की आजादी लगातार संकट में बनी हुई है। कई घटनाएं हुई हैं जिनसे दिखा कि सत्तारूढ़ पार्टी व लोगों के खिलाफ किसी आलोचना को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”


उन्होंने पत्र में इमरान से कहा, “हम रहमान की तुरंत रिहाई का आग्रह कर रहे हैं ताकि प्रेस की आजादी पाकिस्तानी लोकतंत्र का एक स्तंभ बनी रह सके।”

–आईएएनएस

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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