पाकिस्तान सीमा तक करतारपुर कॉरिडोर विकसित करने का निर्णय

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नई दिल्ली, 22 नवंबर (आईएएनएस)| केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को अगले वर्ष होने वाले गुरु नानक देव की 550वीं जयंती के अवसर पर करतारपुर कॉरिडोर विकसित करने का निर्णय लिया है। पाकिस्तान में करतारपुर साहिब गुरुद्वारा तक श्रद्धालुओं को जाने में सुविधा पहुंचाने के उद्देश्य से इस कॉरिडोर का निर्माण पंजाब में गुरुदासपुर से अंतर्राष्ट्रीय सीमा तक किया जाएगा।

वित्तमंत्री अरुण जेटली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल की बैठक के बाद एक प्रेस वार्ता में कहा, “सरकार गुरुनानक के शुरुआती जीवन से जुड़े पंजाब के सुल्तानपुर लोधी को एक धरोहर शहर के रूप में विकसित करेगी, जिसमें स्मार्ट शहरों के सारे सिद्धांतों का पालन किया जाएगा।”


उन्होंने कहा, “सिख गुरु की जिंदगी से जुड़े पवित्र स्थानों और गुरुद्वारों के लिए विशेष ट्रेन भी चलाया जाएगा।”

जेटली ने कहा, “सरकार पंजाब के गुरदासपुर में डेरा बाबा नानक से अंतर्राष्ट्रीय सीमा तक करतारपुर कॉरिडोर बना रही है, ताकि भारतीय श्रद्धालुओं को पाकिस्तान में रावी नदी के किनारे स्थित पवित्र गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर तक जाने में मदद पहुंचाई जा सके। गुरुनानक देव जी ने यहां 18 वर्ष बिताया था।”

मंत्री ने कहा कि कई श्रद्धालु अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर उस जगह पर जाते हैं, जहां से करतारपुर में गुरुद्वारा दिखता है। सरकार ने बॉर्डर टर्मिनल पर सभी अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ विशेष कॉरिडोर बनाने का निर्णय लिया है और जिन्हें सीमा पार करने की इजाजत होगी, उनके लिए यहां वीजा और कस्टम सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी।


गृहमंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, “श्रद्धालु उसके बाद पूरे वर्ष पवित्र तीर्थस्थल जा सकेंगे।”

इस बीच, विदेश मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान से उसके तरफ के कॉरिडोर को समुचित व्यवस्था के साथ पूरा करने का आग्रह किया है।

सवालों का जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, “मंत्रिमंडल द्वारा आज 2019 में गुरु नानक देवजी के 550वीं जयंती के अवसर पर लिए गए संकल्प के बाद, हमने पाकिस्तान सरकार को सिख समुदाय की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए उनके क्षेत्र में पर्याप्त एवं सुगम सुविधाओं के साथ और भारत से पूरे वर्ष श्रद्धालुओं के सुगम तीर्थाटन के लिए कॉरिडोर बनाने का आग्रह किया है। ”

कुमार ने कहा, “भारत सरकार ने भी अपनी तरफ डेरा बाबा नानक से अंतर्राष्ट्रीय सीमा तक कॉरिडोर बनाने का निर्णय लिया है।”

करतारपुर साहिब वह जगह है, जहां 1539 में गुरु नानक जी के निधन के बाद पवित्र गुरुद्वारे का निर्माण कराया गया था।

इससे पहले नवंबर में, पाकिस्तान ने गुरुनानक की 549वीं जयंती के अवसर पर 3800 सिख श्रद्धालुओं को वीजा जारी किया था।

भारत और पाकिस्तान ने तीर्थस्थलों के दौरे के लिए द्विपक्षीय प्रोटोकोल पर 1974 में हस्ताक्षर किया था।

जेटली ने यह भी कहा कि सुल्तानपुर लोधी में सिख गुरु की जिंदगी और शिक्षाओं के बारे में बताया जाएगा। इस धरोहर परिसर को ‘पिंड बाबा नानक दा’ के रूप में भी विकसित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा हमने अमृतसर में अंतरधार्मिक अध्ययन केंद्र स्थापित करने का भी निर्णय लिया है।

जेटली ने कहा कि भारत के राज्य, केंद्रशासित प्रदेश और विदेशी दूतावास सिख गुरु की 550वीं जयंती के अवसर पर विशेष समारोह आयोजित करेंगे।

जेटली ने कहा, “सिक्के और डाक टिकट को भी जारी किया जाएगा। दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो गुरु नानक देवजी के जिंदगी और शिक्षाओं पर विशेष कार्यक्रम और गुरुवाणी का आयोजन करेंगे। नेशनल बुक ट्रस्ट सभी भारतीय भाषाओं में उनकी जिंदगी पर किताब छापेगा।”

जेटली ने कहा कि सरकार यूनेस्को से उन किताबों को विभिन्न वैश्विक भाषाओं में अनुवाद करने का भी आग्रह करेगी।

 

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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