मुंबई, 24 सितम्बर (आईएएनएस)| त्योहारी सीजन से पहले भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को पंजाब और महाराष्ट्र कॉपरेटिव (पीएमसी) बैंक लि. पर नियमित कारोबारी लेन-देन करने पर छह महीने की रोक लगा दी है। इससे इस बैंक के ग्राहकों के बीच अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया है।
इस कदम से बैंक के जमाकर्ताओं और निवेशकों में अफरा-तफरी मच गई है, जबकि यह बैंक देश के शीर्ष 10 सहकारी बैंकों में से एक है।
सोमवार देर रात जारी एक विज्ञप्ति में आरबीआई के मुख्य महाप्रबंधक योगेश दयाल ने कहा कि शीर्ष बैंक के निर्देशानुसार, जमाकर्ता अपनी बचत/चालू/अन्य जमा खातों से 1,000 रुपये से अधिक नहीं निकाल सकते हैं, जिससे मुंबई और भारत के अन्य भागों में पीएमसी शाखाओं के बाहर भारी अव्यवस्था फैलने की संभावना है, क्योंकि इस निर्देश से बैंक के जमाकर्ताओं में भय व्याप्त हो गया है।
कई राज्यों में कारोबार करने वाले इस बैंकिंग निकाय का जन्म 1984 में मुंबई में एक छोटे कमरे में हुआ था। पीएमसी बैंक की 137 शाखाएं है, जिनमें महाराष्ट्र में 103, दिल्ली में छह, कर्नाटक में 15, गोवा में छह, गुजरात में पांच और मध्य प्रदेश में दो शाखाएं हैं।
आरबीआई के प्रतिबंधों के तहत, पीएमसी बैंक अगले छह महीनों तक बिना आरबीआई की मंजूरी के कोई कर्ज नहीं दे पाएगी, किसी कर्ज का नवीनीकरण नहीं कर पाएगी, कोई निवेश नहीं कर पाएगी, कोई नया दायित्व नहीं उठा पाएगी, जिसमें वित्त उधार लेना या नए जमा को स्वीकारना भी शामिल है।
इसके अलावा इस बैंक के ग्राहक अपने खातों से 1000 रुपये से अधिक की रकम नहीं निकाल पाएंगे।
बैंक के मुंबई के भांडुप शाखा के बाहर बैंक की एक महिला ग्राहक ने रोते हुए मीडियाकर्मियों को बताया, “हम पूरी तरह से बरबाद हो गए हैं। हमारे पास बुनियादी जरूरतों के लिए भी घर पर पैसे नहीं हैं। वे या तो हमें अपना पैसा निकालने दें, या हमारा खाता बंद कर पूरा पैसा लौटा दें।”
बोरीवली में बैंक के एक अन्य ग्राहक ने कहा कि आरबीआई को अनियमितताओं के लिए बैंक के प्रबंधकों को सजा देनी चाहिए, न कि बैंक के ग्राहकों को।
गुस्से में ग्राहक ने कहा, “1,000 रुपये की सीमा हास्यास्पद है। हमें नवरात्रि, दीवाली के लिए खरीदारी करनी है। वे हमें ज्यादा निकालने दें या हमें अपने खातों को बंद करने दें।”
पीएससी बैंक के प्रबंध निदेशक जॉय थॉमस ने बैंक के परेशान ग्राहकों से कहा, “बैंक के एमडी होने के नाते मैं पूरी जिम्मेदारी लेता हूं और सभी जमाकर्ताओं को आश्वस्त करता हूं कि इन अनियमितताओं को छह महीने की अवधि समाप्त होने से पहले ही ठीक कर दिया जाएगा।”
पीएमसी बैंक की नवीनतम सालाना रिपोर्ट के मुताबिक, उसके पास कुल 11,617 करोड़ रुपये जमा हैं, जबकि 8,383 करोड़ रुपये उसे चुकाने हैं।