पराली से दिल्ली के वायु प्रदूषण में 26 प्रतिशत की होगी बढ़ोतरी : सफर

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नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (आईएएनएस)। हवा की बदलती दिशा, पंजाब, हरियाणा और पड़ोसी राज्य में पराली जलाने की वजह से शुक्रवार को दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण में 26 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हो सकती है। वहीं गुरुवार को प्रदूषित हवा में पराली जलाने का योगदान 6 प्रतिशत था।

इससे पहले सप्ताह में, हवा की दिशा पराली जलाने वाले मैदानों से प्रदूषण फैलाने वाले कणों को राष्ट्रीय राजधानी ला पाने में सक्षम नहीं थी। इसलिए पराली जलाने से वायु प्रदूषण में होने वाले योगदान में अंतर पाया गया। बुधवार को वायु में पराली जलाने से प्रदूषण जहां एक प्रतिशत तो इससे पहले प्रत्येक दिन तीन प्रतिशत था।


केंद्र सरकार की एजेंसी, सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फॉरकास्टिंग एंड रिसर्च ने गुरुवार को कहा कि गुरुवार को 583 क्राप फायर्स रिकॉर्ड किया गया। वायु प्रदूषण फैलाने वाली हवा की दिशा इस ओर है और आज के लिए हवा में मौजूदा पीएम2.5 में पराली का योगदान 26 प्रतिशत है।

वहीं अच्छी बात यह है कि राष्ट्रीय राजधानी में सतही हवा की गति में थोड़ा सा सुधार हुआ है, जिससे वेंटिलेशन और एक्यूआई में सुधार हुआ है। दोपहर 1 बजे दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 235 पर था, जो कि खराब की श्रेणी में आता है। जबकि शुक्रवार को यह अति खराब की श्रेणी में था।

गुरुवार को, केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर और दिल्ली के मुख्यमंत्री के बीच कितनी फसल जलाई जाए बनाम प्रदूषण फैलाने वाले स्थानीय मामलों को लेकर बहस छिड़ गई थी। स्थानीय मामलों में बायोमास, कूड़ा के डंपिंग, धूल, निर्माण और ध्वस्तीकरण के काम शामिल हैं।


इसबीच, दिल्ली के पड़ोसी क्षेत्रों गुरुग्राम, गाजियाबाद, फरीदाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में भी वायु की खराब गुणवत्ता रिकार्ड की गई। ग्रेटर नोएडा में हवा की गुणवत्ता इनसब में सबसे खराब बनी हुई है।

–आईएएनएस

आरएचए/एएनएम

(इस खबर को न्यूज्ड टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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