नई दिल्ली, 23 अक्टूबर (आईएएनएस)| अयोध्या में राम जन्म भूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से फैसला आने में एक महीने से भी कम समय बचा है। मगर इससे पहले ही विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने राम मंदिर निर्माण शुरू करने के लिए एक समय सीमा निर्धारित कर ली है। आईएएनएस को दिए एक साक्षात्कार में इसके अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि अगले छह से आठ महीनों में विवादित स्थल पर मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा।
आलोक कुमार ने कहा, “चूंकि यह मर्यादा पुरुषोत्तम का मंदिर है और वह एक ऐसे व्यक्ति हैं, जो सभी कानूनों को स्थापित करने के साथ ही उनका पालन करते हैं। हम भी इसका पालन करेंगे। यह अनुपालन पूरा करने में छह से आठ महीने लग सकते हैं।”
शीर्ष अदालत में पहले ही दोनों पक्षों की दलीलें समाप्त हो चुकी हैं। अब भारत के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई 17 नवंबर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं, जिससे पहले इस पर फैसला आने की पूरी उम्मीद है। गोगोई ने अयोध्या मामले को देख रही पीठ का नेतृत्व किया है।
फैसला आने के साथ ही देश के सबसे पुराने भूमि विवादों में से एक अयोध्या मामले का निपटारा हो सकेगा, जिस पर हिंदू और मुसलमान दोनों ही अपना दावा करते रहे हैं।
विवादित भूमि पर राम मंदिर के निर्माण के लिए विहिप ने दशकों से आंदोलन का नेतृत्व किया है और अब उसे उसके पक्ष में फैसला आने की उम्मीद है।
कुमार से पूछा गया कि अगर फैसला उनके पक्ष में नहीं आया तो क्या सरकार कानून लाने की कोशिश करेगी? इस पर उन्होंने कहा, ‘अगर’ का कोई सवाल नहीं है।”
कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन पर तंज कसा, उन्होंने विवादित स्थल का नक्शा पेश किया था। जबकि हिंदू महासभा द्वारा इसे पहले ही पेश किया जा चुका था।
कुमार ने आईएएनएस को बताया, “हो सकता है कि वह निराश हों। हो सकता है कि उन्होंने महसूस किया कि मुसलमान अदालत को समझाने में विफल रहे हैं और शायद उनकी कमजोरी आक्रामकता के रूप में मुखर हुई है।”