नई दिल्ली, 21 सितम्बर (आईएएनएस)। विपक्ष ने सोमवार को अपने सदस्यों के निलंबन के बाद हंगामा कर महज एक घंटे के भीतर राज्यसभा की कार्यवाही को तीन बार स्थगित करने के लिए मजबूर कर दिया।
उच्च सदन को पहले सुबह 10 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया था। जब कार्यवाही शुरू हुई तो निलंबित हुए विपक्षी सांसदों ने सदन से बाहर जाने से मना कर दिया और नारेबाजी करने लगे जिसके कारण इसे सुबह 10.36 बजे तक के लिए फिर स्थगित कर दिया गया।
हंगामा थमता नहीं देखकर सदन की कार्यवाही को 10.38 बजे आधे घंटे के लिए फिर स्थगित कर दिया गया। अब सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई।
विपक्ष के सदस्यों द्वारा हंगामा जारी रखने के बीच भुवनेश्वर कलिता ने नए सिरे से सदन की कार्यवाही शुरू की।
राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने सोमवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने के साथ ही आठ सांसदों को निलंबित कर दिया। ये सासंद तृणमूल, कांग्रेस, माकपा और आम आदमी पार्टी के हैं। इन पर रविवार को संसद में हंगामा करने और राज्यसभा की कार्यवाही को बाधित करने का आरोप है।
इस प्रस्ताव को संसदीय मामलों के केंद्रीय राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने आगे बढ़ाया और सदन ने तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ’ब्रायन और डोला सेन, कांग्रेस के राजीव सातव, रिपुन बोरा, नासिर हुसैन, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह और के.के. रागेश और माकपा के ई. करीम को निलंबित कर दिया।
राज्यसभा में ध्वनि मत से प्रस्ताव मंजूर किए जाने के बाद सदस्यों ने नारेबाजी की।
इससे पहले, सभापति नायडू ने कहा कि यह लोकतंत्र के लिए एक दुखद दिन है और ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ और ‘निंदनीय’ है। उन्होंने नियमों का हवाला देते हुए उप सभापति हरिवंश नारायण सिंह के खिलाफ विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया।
नायडू ने उप सभापति का बचाव किया और कहा कि उपसभापति ने नियम का पालन किया है।
–आईएएनएस
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