Sarojini Naidu Birth Anniversary: सरोजिनी नायडू के जन्मदिन पर पढ़ें उनके जीवन की कुछ खास और रोचक बातें

  • Follow Newsd Hindi On  

Sarojini Naidu Birth Anniversary: भारत में सरोजनी नायडू (Sarojini Naidu Birth Anniversary)  के जन्म तिथि 13 फ़रवरी को राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत में महिलाओं के विकास के लिए सरोजनी नायडू (Sarojini Naidu) द्वारा किए गए कार्यों को मान्यता देने हेतु उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय महिला दिवस (National Women’s Day) के रूप में चयनित किया गया था। सरोजिनी नायडू भारत की पहली महिला राज्यपाल थीं और ‘भारत कोकिला’ के नाम से भी प्रसिद्ध थीं।

सरोजिनी नायडू का जन्म 13 फरवरी 1879 को हुआ था। उन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए ‘भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन’ में सक्रिय रूप से भाग लिया था। यह सरोजिनी नायडू का 141वां जन्म दिवस है।


यह दिवस पहली बार 13 फरवरी को साल 2014 में शुरू हुआ था। यह दिवस का प्रस्ताव भारतीय महिला संघ और अखिल भारतीय महिला सम्मेलन के सदस्यों द्वारा किया गया था।

13 फरवरी के दिन ‘भारत कोकिला’ के नाम से प्रसिद्द सरोजिनी नायडू का जन्म हुआ था।सरोजिनी नायडू एक मशहूर कवयित्री, स्वतंत्रता सेनानी और अपने दौर की महान वक्ता भी थीं। सरोजिनी नायडू का जन्म भारत के हैदराबाद 13 फरवरी 1879 में हुआ था। सरोजिनी अपनी कविताओं में टूटे सपनों, शक्ति, आशा, जीवन और मृत्यु, गौरव, सौंदर्य, प्रेम, अतीत और भविष्य के बारे में बात करती थी।

वह अपनी कविताओं में इतने सारे भावनाओं को व्यक्त करती जिसे पढ़कर कोई भी मुग्ध हो जाये। कहा जाता है की उनकी कविताओं के शब्द ऐसे थे जिसे गाया भी जा सकता था और इसी वजह से उन्हें “भारत कोकिला” के नाम से नवाज़ा गया। सरोजिनी के पिता अघोरनाथ चट्टोपाध्याय एक नामी विद्वान थे और माँ वरदा सुंदरी कवयित्री थीं और बांग्ला में लिखती थीं। सरोजिनी कुल आठ भाई-बहन थे जिसमें वो सबसे बड़ी थीं।


उनके एक भाई विरेंद्रनाथ क्रांतिकारी थे और एक भाई हरिद्रनाथ कवि, कथाकार और कलाकार थे। सरोजिनी नायडू बचपन से ही होनहार थीं और वो कई भाषाओँ जैसे उर्दू, तेलगू, इंग्लिश, बांग्ला और फारसी भाषा में निपुण थीं। तो आइये आज उनके जन्मदिन के मौके पर जाने उनके जीवन से जुड़ी कुछ और रोचक बातें।

सरोजिनी नायडू के जीवन से जुड़ी 10 ख़ास बातें-

  • सरोजिनी बचपन से ही बुद्धिमान थी।
  • उन्होंने 12 वर्ष की छोटी आयु में ही बारहवी की परीक्षा अच्छे अंकों के साथ पास कर ली थी।
  • 13 वर्ष की आयु में “लेडी ऑफ दी लेक” नामक कविता रची।
  • उनकी पहली कविता संग्रह का नाम “गोल्डन थ्रैशोल्ड” था।
  • सरोजिनी की कविता “बर्ड ऑफ टाइम” तथा “ब्रोकन विंग” ने उन्हें एक सुप्रसिद्ध कवयित्री बना दिया।
  • 1898 में सरोजिनी नायडू ने डॉ॰ गोविंदराजुलू नायडू से शादी कर ली।
  • 1914 में इंग्लैंड में नायडू पहली बार गांधीजी से मिलीं और उनके विचारों से प्रभावित होकर देश के लिए समर्पित हो गयीं।
  • 1925 में कानपूर में हुए कांग्रेस अधिवेशन की वे अध्यक्षा बनीं और 1932 में भारत की प्रतिनिधि बनकर दक्षिण अफ्रीका भी गईं।
  • वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष थीं और भारत की स्वतंत्रता-प्राप्ति के बाद वे उत्तरप्रदेश की पहली राज्यपाल भी बनीं।
  • सरोजिनी नायडू की 2 मार्च 1949 को लखनऊ में अपने कार्यालय में काम करने के दौरान दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई।
  • 13 फरवरी 1964, को भारत सरकार ने उनकी जयंती के अवसर पर उनके सम्मान में 15 नए पैसे का एक “डाकटिकेट” भी जारी किया।

(आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम पर फ़ॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब भी कर सकते हैं.)