नई दिल्ली, 2 फरवरी (आईएएनएस)| शाहीन बाग में जहां एक तरफ नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहा है तो वहीं शाहीन बाग से सटे सरिता विहार में रविवार को इसके खिलाफ प्रदर्शन हुआ। कुछ ही देर में इस प्रदर्शन में कई लोग पहुंच गए। पूछने पर बताया कि वो किसी संगठन से नही जुड़े हैं और शाहीन बाग के विरोध प्रदर्शन से परेशान हो गए हैं। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “हम किसी संगठन से नहीं जुड़े हैं। हम इस विरोध प्रदर्शन से परेशान हो गए हैं। हमें काम पर जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। थोड़ी दूर जाने के लिए 3-4 घंटे लग जाते हैं। न तो बच्चे स्कूल जा पा रहे हैं और न ही हम अपने काम पर। इन लोगों को यहां 50 दिन हो गए, इन्हें कोई नही हटा रहा, हम एक दिन विरोध प्रदर्शन करने आ गए तो हमें हिरासत में लिया जा रहा है।”
करीबन 150 से 200 लोगों की तादाद ने अचानक शाहीन बाग में हलचल पैदा कर दी जिसके बाद पुलिस की सुरक्षा बढ़ा दी गई। शाहीन बाग में जहां महिलाएं प्रदर्शन कर रही हैं, उस जगह पर स्थानीय लोगों ने खुद पहरेदारी शुरू कर दी और हाल ही में हुई गोलीबारी के मद्देनजर एहतियातन वहां मौजूद हर शख्स की तलाशी होने लगी।
स्थिति बिगड़ते ही दिल्ली के दक्षिणी-पूर्वी जिले के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) चिन्मय बिस्वाल मौके पर पहुंच गए और वहां विरोध प्रदर्शन करने के खिलाफ जो लोग विरोध कर रहे थे, उनको समझाने की कोशिश की। लेकिन जब लोग नहीं माने तो उनको बस में भर कर उस इलाके से ले जाया गया।
डीसीपी ने कहा, “शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन के खिलाफ किसी को भी किसी तरह के धरना-प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी गई थी, फिर भी कुछ लोग यहां पर आ गए। पुलिस ने उन्हें हटा दिया।”